साइको किलर मर्डर से पहले करता है ये हरकतें,अगर श्रद्धा भी पहचान जाती तो न होती शिकार !

Shraddha Murder Case: साइको किलर पूरी तैयारी के साथ वारदात को अंजाम देते हैं। और कई बार इसके लिए वह लंबे समय से प्लानिंग करते हैं। हत्या को कैसे अंजाम दिया जाय, इसके लिए मूवी से लेकर वीडियो गेम तक इस्तेमाल करता है। कई बार सामाजिक तिरस्कार और अतीत की कोई घटना भी उन्हें हैवान बना देती है।

मुख्य बातें
  • 12 साल पहले देहरादून में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी पत्नी के 72 टुकड़े कर दिए थे।
  • मुंबई में एक प्रेमी ने फिल्म प्रोड्यूसर की हत्या कर 300 टुकड़े कर दिए थे।
  • आफताब ने श्रद्धा के 35 टुकड़े कर डाले।

Shraddha Murder Case: उन्नतीस साल की श्रद्धा वालकर की हत्या के खुलासे ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। जिस आफताब (Aftab) से वह प्यार करती थी, उसी ने उसके 35 टुकड़े कर डाले । इस हत्या से लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं, कि आखिर कोई व्यक्ति हैवानियत की इस हद तक कैसे पहुंच सकता है। जाहिर है कि यह कोई आम कातिल का काम नहीं हो सकता है। क्राइम की भाषा में आफताब जैसे लोगों को साइको किलर (Psycho killers )कहा जाता है।

क्या होता है साइको किलर

न्यूज एजेंसी दाइचे वैले ने कातिल की साइकोलॉजी पर एक स्टडी करते हुए 2016 में एक रिपोर्ट जारी की थी, उसके अनुसार सीलियर किलर और साइको किलर जैसे लोग कई हफ्तों पहले ही तैयारी शुरू कर देते हैं।

इस तरह के लोग अधिकतर डायरी लिखते हैं, जिसमें वे वारदात की हर बारीकी को समझते हैं, वे उसके इर्दगिर्द एक कहानी रचते हैं। वो यह भी सोचते हैं कि वारदात को अंजाम देते वक्त वो क्या पहनेंगे, सुसाइड नोट लिखते हैं।

हथियार पास हो, तो उसके साथ खेलते रहते हैं, ना हो, तो उसकी कल्पना करते हैं। ये लोग अच्छी खासी रिसर्च भी करते हैं। वो इस तरह की दूसरी घटनाओं के बारे में पढ़ते हैं, डॉक्यूमेंट्री देखते हैं, वीडियो देखते हैं।

इस सबका मकसद पुरानी घटनाओं की नकल करना और योजना बनाना होता है। इसके अलावा वो ऐसी वीडियो गेम भी खेलते हैं जिसमें उन्हें लोगों पर गोलियां चलानी होती है।

इन लोगों का आफताब जैसा भी मकसद हो सकता है। जो अपने प्रेमिका से छुटकारा पाना चाहते हैं। या फिर कोई मानसिक तनाव और सामाजिक बहिष्कार जैसे भी कारण हत्या के लिए उकसाते हैं।

भारत के प्रमुख साइको किलर्स की कहानी

ऐसा नहीं है कि आफताब कोई पहला व्यक्ति है, जिसने इस बेरहमी से अपने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या की हो। देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पर कातिल ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी..

देहरादून में पत्नी के 72 टुकड़े कर दिए थे- साल 2010 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा की बेरहमी से हत्या कर दी थी। करीब 2 दिन तक पत्नी के शव को बाथरूम में रखा। घर में मौजूद बच्चों को भी इसने हत्या की भनक तक न लगने दी। उसके बाद इसने किचन के ही चाकू से पत्नी के 72 टुकड़े किए और उन टुकड़ों को अलग-अलग प्लास्टिक की थैलियों में भरकर फ्रीजर में डाल दिया।और फिर थोड़े-थोड़े टुकड़ों को जंगल में फेंकने लगा।

मुबंई में 2008 में नीरज ग्रोवर मर्डर केस भी हैवानियत की इसी श्रेणी में आता है। हम आपको बता दें नीरज ग्रोवर एक टीवी प्रोड्यूसर था जिसका मर्डर होता है। पूरा मामला त्रिकोणीय प्रेम का था।नेवी ऑफिसर मैथ्यू के द्वारा अभिनेत्री मारिया सुसाइराज के घर नीरज की हत्या हो जाती है। और उसके बाद दोनों मिलकर 300 टुकड़े कर देते हैं।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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