Tirupati Temple है Wipro-Nestle से अमीरः 10.25 टन सोना और 16000 करोड़ कैश बैंक में, जानें- कितनी है संपत्ति?

देवस्थानम की ओर से बैंकों में रखा गया सोना 2019 के 7.3 टन से बढ़कर 30 सितंबर 2022 को 10.25 टन हो गया। टीटीडी ने फरवरी में वर्ष 2022-23 के लिए 3,100 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया गया था, जिसमें टीटीडी ने बैंकों में जमा नकदी से ब्याज के रूप में 668 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त होने का अनुमान जताया है।

tirupati temple

मंदिर के एक पदाधिकारी ने बताया कि टीटीडी की समृद्धि बढ़ती जा रही है क्योंकि मंदिर में नकदी और सोने के रूप में श्रद्धालुओं का चढ़ावा बढ़ना जारी है तथा बैंकों में सावधि जमा से भी ब्याज के रूप में अधिक आय हो रही है। (फाइल)

तस्वीर साभार : PTI

तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर की संपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। दरअसल, तिरुपति मंदिर के प्रबंधक तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) ने 1933 में स्थापना के बाद से पहली बार अपनी निवल संपत्ति घोषित की है। संपत्ति में बैंकों में जमा 10.25 टन सोना, सोने के 2.5 टन वजन के आभूषण, बैंकों में जमा 16,000 करोड़ रुपये नकद और देश भर में स्थित 960 परिसंपत्तियां शामिल हैं। यह सब कुल 2.5 लाख करोड़ रुपये की है।

यह रकम आईटी कंपनी विप्रो, खाने-पीने का सामान बनाने वाली स्विस बहुराष्ट्रीय कंपनी नेस्ले और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ओएनजीसी और इंडियन ऑयल (आईओसी) की बाजार पूंजी से अधिक है। स्टॉक एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, मौजूदा व्यापारिक मूल्य में मंदिर की निवल संपत्ति कई ‘ब्लूचिप’ (कई वर्षों से संचालित बहुराष्ट्रीय कंपनी) भारतीय कंपनियों से ज्यादा है।

नेस्ले की भारतीय इकाई की बाजार पूंजी 1.96 लाख करोड़ रुपए है, जबकि ओएनजीसी और आईओसी की बाजार पूंजी भी मंदिर के न्यास से कम है। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) लिमिटेड की बाजार पूंजी भी इस मंदिर की संपत्ति से कम है। महिंद्र एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स और विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड, खनन कंपनी वेदांता, रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ तथा कई अन्य कंपनियां भी इस सूची में हैं। सिर्फ दो दर्जन कंपनियों की बाजार पूंजी मंदिर के न्यास की निवल संपत्ति से अधिक है। इनमें रिलायंस इंड्रस्ट्रीज लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, भारतीय स्टेट बैंक, भारती एयरटेल और आईटीसी शामिल हैं।

मंदिर के एक पदाधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि टीटीडी की समृद्धि बढ़ती जा रही है क्योंकि मंदिर में नकदी और सोने के रूप में श्रद्धालुओं का चढ़ावा बढ़ना जारी है तथा बैंकों में सावधि जमा से भी ब्याज के रूप में अधिक आय हो रही है। संचालन इकाई के सूत्रों की मानें तो देशभर में टीटीडी की संपत्ति का अनुमानित मूल्य 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है। इसमें भूखंड, भवन, श्रद्धालुओं से चढ़ावे के रूप में प्राप्त होने के बाद बैंकों में जमा नकदी और सोना हैं। कई सरकारी और निजी बैंकों में टीटीडी की सावधि जमा 30 सितंबर 2022 को 15,938 करोड़ रुपए को पार कर गई, जो जून 2019 में 13,025 करोड़ रुपए थी।

वहीं, देवस्थानम की ओर से बैंकों में रखा गया सोना 2019 के 7.3 टन से बढ़कर 30 सितंबर 2022 को 10.25 टन हो गया। टीटीडी ने फरवरी में वर्ष 2022-23 के लिए 3,100 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया गया था, जिसमें टीटीडी ने बैंकों में जमा नकदी से ब्याज के रूप में 668 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त होने का अनुमान जताया है। साथ ही, मंदिर में श्रद्धालुओं से नकदी के रूप में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का चढ़ावा आने का भी अनुमान लगाया गया है। देवस्थानम आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा, हरियाणा, महाराष्ट्र और नयी दिल्ली में काफी संख्या में मंदिरों का प्रबंधन करता है।

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अभिषेक गुप्ता author

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