हिमाचल चुनाव:'रिवाज' बदलने की तैयारी में भाजपा,राहुल फिर भी दूर, क्या दक्षिण के भरोसे कांग्रेस
Himachal Assembly Election 2022:हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत के उन राज्यों में से एक है, जहां पर कांग्रेस अभी भी तीसरे और चौथे दल के नंबर पर नहीं पहुंची है। और पुराना रिकॉर्ड ऐसा रहा है कि वह 5 साल से ज्यादा सत्ता से दूर भी नहीं रही है। इसके बावजूद राहुल गांधी अभी तक प्रचार के लिए नहीं पहुंचे हैं।
- यूपी की तरह हिमाचल में प्रियंका ने संभाल रखी है कमान।
- राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा पर फोकस।
- पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता चुनावी प्रचार में उतरे।
राहुल गांधी ने बना रखी है दूरी
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हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत के उन राज्यों में से एक है, जहां पर कांग्रेस अभी भी तीसरे और चौथे दल के नंबर पर नहीं पहुंची है। और पुराना रिकॉर्ड ऐसा रहा है कि वह 5 साल से ज्यादा सत्ता से दूर भी नहीं रही है। ऐसे में इस बार भी उसके वापसी की मजबूत उम्मीद कांग्रेस के स्थानीय नेता कर रहे हैं। ऐसे में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल होने के बावजूद राहुल गांधी अभी तक प्रचार के लिए नहीं पहुंचे हैं। जो कई सारे सवाल खड़े कर रहे हैं। जबकि इसके पहले वह 2007, 2012 और 2017 के चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार कर चुके हैं। ऐसी संभावना है कि वह चुनाव प्रचार के आखिरी दिन हिमाचल प्रदेश पहुंच सकते हैं।
यूपी की तरह हिमाचल में प्रियंका ने संभाल रखी है कमान
जिस तरह 2022 के यूपी विधान सभा चुनाव में गांधी परिवार की ओर से प्रियंका गांधी ने कमान संभाल रखी थी। कुछ उसी तरह प्रियंका गांधी हिमाचल में भी केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से पार्टी की कमान संभाल हुए हैं। वह लगातार राज्य में रैलियां कर रही हैं। और ऐसा पहली बार है जब वह हिमाचल में चुनाव प्रचार कर रही है। हालांकि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी का जादू नहीं चल पाया था। और उसे 403 विधानसभा सीटों में से केवल 2 सीट पर जीत मिल पाई थी। ऐसे में हिमाचल में उनका कितना जादू चलेगा इसका पता 8 दिसंबर को परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।
दक्षिण भारत पर राहुल का फोकस
भले ही गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। लेकिन अभी तक राहुल गांधी का फोकस दक्षिण भारत ही रहा है। जहां वह भारत जोड़ो यात्रा पर फोकस किए हुए हैं। इसी वजह से अभी तक एक बार भी गुजरात में भी चुनाव प्रचार के लिए नहीं गए हैं। राहुल गांधी की अगुआई वाली भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर को शुरू हुई थी। पिछले 2 महीने में यात्रा के सफर को देखा जाय तो वह अभी दक्षिण भारत में ही जारी है। अब तक यह तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से गुजर चुकी है। अगर 2019 के लोक सभा चुनाव में प्रदर्शन को देखा जाय तो कांग्रेस ने इन राज्यों में 27 सीटें जीती थी। जिसमें केरल में 15, तमिलनाडु में 8, तेलंगाना में 3 और कर्नाटक में एक सीट मिली थी। जबकि पूरे देश से उसे 52 सीटें मिली थी। और इस समय राहुल गांधी केरल के वायनाड से ही सांसद हैं। 2019 को लोक सभा चुनाव में राहुल गांधी को गांधी परिवार के गढ़ अमेठी से हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा को मिलेगा फायदा
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सामने इस समय दो बड़ी चुनौतियां है। एक तो वह इस बार का चुनाव राज्य में कांग्रेस का चेहरा रहे और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बिना लड़ रही है। वीरभद्र सिंह का निधन हो चुका है। जबकि दूसरी चुनौती पार्टी के अंदर जारी कलह है। चुनाव से पहले पार्टी के कई नेता साथ छोड़ चुके हैं। जिसमें कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन ने कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली है। पूर्व टेलीकॉम मंत्री सुखराम के पोते आश्रय शर्मा,लखविंदर राणा भाजाप शामिल हो चुके हैं। और 5 बार के विधायक राम लाल ठाकुर ने नाराज होकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष का पद छोड़ दिया है। ऐसे में राहुल गांधी की रैलियों से दूरी क्या कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित होगी। इसके लिए 8 दिसंबर का इंतजार करना होगा।
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