OMG: इस गांव में इंसान तो इंसान पशु-पक्षी भी हैं अंधे, पैदा होते हैं ठीक लेकिन बाद में चली जाती है रोशनी

Ajab Gajab News: गांव में जब किसी बच्चे का जन्म होता है, उस दौरान वह बिल्कुल ठीक होता है। धीरे-धीरे उसकी आंखों की रोशनी चली जाती है। गांव में तकरीबन 70 झोपड़ियां हैं और सभी झोपड़ियों में अंधे लोग रहते हैं। यहां के पशु-पक्षी भी अंधे ही हैं।

BLIND village

अंधों का गांव (ट्विटर)

Ajab Gajab News: दुनिया में बहुत सारी रहस्यमयी जगह है। एक गांव ऐसा भी है, जहां इंसान तो इंसान बल्कि सारे जानवर भी अंधे हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जब यहां के इंसान और जानवर पैदा होते हैं तो वह नॉर्मल रहते हैं। हालांकि, बाद में वह अंधे हो जाते हैं। यह बीमारी काफी सालों से गांव के लोगों में चली आ रही है। यहां तक कि उनकी पैदा होने वाली पीढ़ी भी अंधी ही है। यह सोचने पर ही हैरानी होती है कि कैसे पूरा का पूरा गांव अंधा है।

इंसान छोड़िए सारे जानवर भी हैं अंधे

इस गांव में इंसान तो छोड़िए सारे जानवर भी अंधे हैं। इसे दुनियाभर में अंधों का गांव कहा जाता है। यह अनोखा गांव मैक्सिको में है। इसके पीछे एक गहरा रहस्य बताया जाता है। टिल्टेपक नाम के इस गांव में सारे लोग जोपोटेक जनजाति के ही है। गांव में जब किसी बच्चे का जन्म होता है, उस दौरान वह बिल्कुल ठीक होता है। हालांकि, कुछ समय के बाद धीरे-धीरे उसकी आंखों की रोशनी चली जाती है। इसके बाद वह अन्य लोगों की तरह अंधा हो जाता है।

क्या है वैज्ञानिकों का तर्क

अंधेपन के पीछे की वजह गांव के लोग एक पेड़ को मानते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यहां के लोग और जानवर लावजुएला नाम के एक शापित पेड़ को देखने के बाद अंधे हो जाते हैं। हालांकि, इस तर्क से वैज्ञानिक इत्तेफाक नहीं रखते। वैज्ञानिक कहते हैं कि अंधेपन के पीछे पेड़ वजह नहीं है। वैज्ञानिक कहते हैं कि एक खतरनाक मक्खी इसकी जिम्मेदार है। इस जहरीली मक्खी के काटने से लोगों के आंखों की रोशनी चली जाती है। गांव में तकरीबन 70 झोपड़ियां हैं और करीब 300 लोग इन झोपड़ियों में रहते हैं। किसी भी झोपड़ी में खिड़की नहीं है।

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आदित्य साहू author

देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाले और हरिवंशराय बच्चन के शहर प्रयागराज में पैदा होने के बाद साल 2015 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पत्रकारित...और देखें

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