विपक्षी दलों का ये कैसा गठबंधन? INDIA में साथ, पर पंजाब में कांग्रेस और आप अलग-अलग लड़ेंगे चुनाव!
Lok Sabha Election 2024: अरविंद केजरीवाल ने कुछ दिन पहले खुद ही ये ऐलान कर दिया था कि आम आदमी पार्टी पंजाब की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अब सूत्रों ने ये दावा किया है कि कांग्रेस और आप दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ने के लिए सहमत हो गए हैं। विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ने सियासत को कन्फ्यूज करके रख दिया है। समझिए समीकरण।
पंजाब में आम आदमी पार्टी vs कांग्रेस।
Kejriwal Plan For Punjab: लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच पंजाब की डील फिक्स हो चुकी है। दोनों पार्टियां यहां अलग-अलग अपनी किस्मत आजमाने के लिए तैयार हैं। विपक्षी दलों के गठबंधन- इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस (INDIA) का समीकरण फिलहाल हर किसी के समझ के बाहर की बात है। कांग्रेस और आप गठबंधन में साथी तो रहेंगे, मगर पंजाब में दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ने पर सहमत हो गए हैं। अरविंद केजरीवाल ने तो पहले ही इसका ऐलान कर दिया था कि उनकी पार्टी पंजाब की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में वो कहीं न कहीं कांग्रेस के लिए मुसीबत बढ़ाने पर उतारू हैं।
क्या है सारा माजरा? समझिए पंजाब का सियासी समीकरण
ये खबर उस वक्त सामने आई जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी के आवास पर लंच के लिए पहुंचे थे। इस मौके पर उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे। इसी बीच सूत्रों ने सीएम केजरीवाल के हवाले से बताया कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पंजाब में अलग-अलग चुनाव लड़ने पर सहमत हो गए हैं। बताया गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने खड़गे के लंच पर पहुंचने से पहले यह टिप्पणी की।
पंजाब में नहीं बनी बात, अब दिल्ली में क्या होगा?
वैसे केजरीवाल ने पहले ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि उनकी पार्टी पंजाब में समझौता करने के मूड में नहीं है। सवाल ये उठता है कि फिर ये कैसा समझौता है कि कुछ सीटों पर दोनों पार्टियों के नेता साथ-साथ चुनाव लड़ेंगे, प्रचार करेंगे और एक-दूसरे के उम्मीदवारों की तारीफ करेंगे, लेकिन कुछ सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे और जमकर विरोध करेंगे। सवाल ये भी है कि पंजाब में तो कांग्रेस और आप के बीच बात नहीं बनी, अब दिल्ली में क्या होगा? अरविंद केजरीवाल के हवाले से कहा गया कि लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों के बीच बातचीत जारी है और जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
AAP के साथ गठबंधन में बने रहता कांग्रेस की मजबूरी
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में एक-दूसरे के सहयोगी हैं। केजरीवाल के सियासी सफर की शुरुआत ही कांग्रेस और यूपीए सरकार के विरोध के साथ हुई थी, हालांकि ये बात और है कि दिल्ली में जब पहली बात अरविंद केजरीवाल की सत्ता आई तो उन्होंने कांग्रेस की मदद से सरकार बनाई थी। गठबंधन का जिक्र करें तो अगर ये कहा जाए कि आम आदमी पार्टी की सारी शर्तें मानना कांग्रेस की मजबूरी है, तो गलत नहीं होगा। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों में आप को 92 सीटें हासिल हुई थी। वहीं कांग्रेस की झोली में महज 18 सीटें आई थी। अकाली दल को 3, बसपा को 1, भाजपा को दो सीटें ही नसीब हुई थीं। ऐसे में आम आदमी पार्टी यहां जरा भी कोताही बरतने के मूड में नहीं है, वो पंजाब पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखना चाहती है।
पिछले लोकसभा चुनाव के परिणाम का जिक्र करें तो पंजाब की 13 सीटों में से कांग्रेस ने 8 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। वहीं भाजपा और शिरोमणि अकाली दल को दो-दो सीटें, जबकि आम आदमी पार्टी को महज एक सीट मिली थी। कांग्रेस को पंजाब से अच्छी उम्मीदें हैं, ऐसे में वो कम सीटों पर समझौता करना पसंद नहीं करेगी और आम आदमी पार्टी की भी यही सोच होगी। पंजाब में अकेले चुनाव लड़ेगा कांग्रेस की मजबूरी भी है और पार्टी के लिए जरूरी भी है।
ममता-नीतीश के बाद केजरीवाल देंगे गठबंधन को गच्चा?
पंजाब में कुल 13 लोकसभा सीटें हैं, AAP इस बात की घोषणा कर चुकी है कि सभी सीटों पर वो अकेले ही ताल ठोकेगी। एक तरफ केजरीवाल विपक्षी दलों के गठबंधन 'INDIA' से बगावत के मूड में नजर आ रहे हैं, तो दूसरी ओर उनकी पार्टी ये दावा कर रही है कि आम आदमी पार्टी वो गठबंधन के साथ खड़ी है। हालांकि लोकसभा चुनाव के पहले सियासी महकमों में इस बात की हलचल तेज हो चुकी है कि ममता बनर्जी, नीतीश कुमार के बाद क्या अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी विपक्षी खेमे को गच्चा देंगे? पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पिछले महीने कहा था कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। अब आप और कांग्रेस के बीच अलग-अलग चुनाव लड़ने पर सहमति बन गई है।
इन राज्यों में कांग्रेस की टेंशन बढ़ाएंगे केजरीवाल?
केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पहले दिल्ली, गुजरात, गोवा और हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन का आह्वान किया था। लोकसभा चुनाव नजदीक है, अरविंद केजरीवाल के बदलते तेवर से कहीं खुद कांग्रेस ही INDIA गठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ने के बारे में न सोचने लगे। अगर ऐसा हुआ तो भी हैरानी नहीं होगी। केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी ने ये बात समझ लिया है कि 2024 का वक्त ऐसा है कि खुद का जितना विस्तार कर सकते हैं, वो फायदेमंद होगा। यही वजह है कि वो पंजाब में अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं। केजरीवाल के एक-एक कदम से पूरा विपक्ष कन्फ्यूज हो गया है।
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