सोच-समझ कर लें Loan, EMI नहीं भरी, तो घर हो जाएगा नीलाम
SARFAESI Act 2002: सरफेसी एक्ट 2002 बैंकों के अलावा फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस को उस प्रॉप्रटी को नीलाम करके अपना लोन वसूलने की अनुमति देता है, जिसे लोन लेने के लिए गिरवी रखा गया हो। प्रॉपर्टी की नीलामी तब होती है, जब लोन लेने वाला अपना लोन न चुका पाए।
लोन न चुकाने पर घर की नीलामी हो सकती है
- बैंक कर सकता है लोन लेने वालों की प्रॉपर्टी की नीलामी
- लोन न चुकाने पर हो सकती है कार्रवाई
- SARFAESI Act 2002 देता है बैंकों को अधिकार
SARFAESI Act 2002: इस हफ्ते बॉलीवुड एक्टर सनी देओल (Sunny Deol) से जुड़ी दो खबरें चर्चा में रहीं। पहली उनकी फिल्म गदर-2 (Gadar-2) का बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाना और दूसरी बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) का लोन न चुका पाने के बीच उनके घर की नीलामी के विज्ञापन की। हालांकि उनके मुंबई स्थित बंगले की नीलामी का संकट खत्म हो गया। एक्टर ने बैंक से बात कर उसका पैसा चुकाने की बात कही, जिसकी पुष्टि खुद बैंक ने की।
मगर ऐसा क्या नियम है, जिसके चलते बैंक का लोन न चुकाने पर किसी की प्रॉपर्टी नीलाम हो सकती है। आगे हम आपको इस नियम की जानकारी देंगे।
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सरफेसी एक्ट 2002
वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम 2002 (Securitization and Reconstruction of Financial Assets and Enforcement of Security Interest Act, 2002) या सरफेसी एक्ट 2002 (SARFAESI Act 2002) प्रॉपर्टी की नीलामी से जुड़ा कानून है, जो 2002 में पारित किया गया था।
यह कानून बैंकों के अलावा फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस को उस प्रॉप्रटी को नीलाम करके अपना लोन वसूलने की अनुमति देता है, जिसे लोन लेने के लिए गिरवी रखा गया हो। प्रॉपर्टी की नीलामी तब होती है, जब लोन लेने वाला अपना लोन न चुका पाए। यानी लोन चुकाने में डिफॉल्ट हो जाए।
क्या होती है नीलामी की प्रॉसेस
- लोन लेने वाला EMI चुकाना बंद कर दे तो ये प्रॉसेस शुरू होगी
- 30 से ज्यादा दिन तक EMI न चुकाई जाए तो लोन खाता 'स्पेशल मेंशन अकाउंट'-1 में डाल दिया जाएगा
- 60 बाद इसे SMA 2 माना जाएगा
- 90 दिन बाद नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) माना जाएगा
- फिर लीगल नोटिस जाएगा और फिर भी लोन न चुका पाने पर गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी बैंक के कब्जे में चली जाएगी
घर भी हो सकता है नीलाम
यदि आप घर को गिरवी रखकर लोन लेते हैं और लोन नहीं चुका पाते हैं तो आपका घर भी नीलाम हो सकता है। मगर नीलामी एक प्रॉसेस होती है जिसे बैंक को फॉलो करना होता है। यदि इस बीच कोई विवाद होता है तो उसकी सुनवाई डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल (DRT) में होगी। देश में कुल 39 DRT हैं। वहीं पांच डेट रिकवरी एपेलेट ट्राइब्यूनल (DRATs) की भी स्थापना की गई है।
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