Farmers Protest: किसानों के आंदोलन से उद्योग को रोज 500 करोड़ का नुकसान, रोजगार भी होगा प्रभावित

Farmers Protest Impact On Industry: पीएचडीसीसीआई के अनुसार किसान आंदोलन के लंबा चलने से उत्तरी राज्यों में ट्रेड और उद्योग को 'गंभीर नुकसान' पहुंच सकता है। उद्योग मंडल का कहना है कि किसान आंदोलन से रोजगार को भारी नुकसान होने की आशंका है।

Farmers Protest Affecting Industry & Employment

किसान आंदोलन प्रदर्शन से उद्योग और रोजगार प्रभावित

मुख्य बातें
  • किसान आंदोलन से रोज 500 करोड़ का नुकसान
  • एमएसएमई सेक्टर होगा प्रभावित
  • रोजगार भी पड़ेगा असर

Farmers Protest Impact On Industry: उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने कहा है कि किसान आंदोलन के लंबा चलने से उत्तरी राज्यों में ट्रेड और उद्योग को 'गंभीर नुकसान' पहुंच सकता है। उद्योग मंडल का कहना है कि किसान आंदोलन से रोजगार को भारी नुकसान होने की आशंका है और इससे प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान होगा। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा है कि लंबे समय तक चलने वाले आंदोलन से प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होगा और उत्तरी राज्यों मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के चौथी तिमाही के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) पर असर पड़ेगा।

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एमएसएमई सेक्टर हो रहा प्रभावित

अग्रवाल ने कहा कि उद्योग मंडल देश में सभी के कल्याण के लिए आम सहमति के साथ सरकार और किसानों दोनों से मुद्दों के शीघ्र समाधान की उम्मीद करता है। अग्रवाल ने कहा कि किसानों का आंदोलन पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के व्यवसायों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।

प्रोडक्शन प्रॉसेस को निष्पादित करने और उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए ऐसी इकाइयों का कच्चा माल बड़े पैमाने पर अन्य राज्यों से खरीदा जाता है।

इन राज्यों के एमएसएमई को सबसे अधिक नुकसान

अग्रवाल के मुताबिक सबसे बड़ी मार पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के एमएसएमई पर पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की संयुक्त जीएसडीपी मौजूदा कीमतों पर 2022-23 में 27 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इन राज्यों में लगभग 34 लाख एमएसएमई हैं जो अपने संबंधित कारखानों में लगभग 70 लाख श्रमिकों को रोजगार देते हैं।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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