रिटेल महंगाई दर तीन महीने के उच्च स्तर परः जनवरी में हुई 6.52%, समझें- किन चीजों ने बढ़ाईं कीमतें?

दरअसल, चार से छह फीसदी के बीच खुदरा मुद्रास्फीति की दर को रिजर्व बैंक के मानक के लिहाज से काबू में समझा जाता है, पर इस बार इसे छह फीसदी से ऊपर चले जाने के बाद यह आम आदमी के लिए महंगाई के मोर्चे पर झटके का साफ संकेत है।

retail inflation

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

खुदरा मुद्रास्फीति यानी रिटेल महंगाई दर (Retail Inflation) जनवरी में तीन महीने के उच्च स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गई। महंगाई (Inflation) इसके साथ ही फिर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संतोषजनक स्तर से ऊपर चली गई। ऐसे में ताजा आंकड़े साफ संकेत देते हैं कि महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index : CPI) के डेटा के मुताबिक, ग्रामीण और शहरी मुद्रास्फीति को मिलाकर कर अगर इन्फ्लेशन रेट (महंगाई दर) देखें तो मसालों में 21.09%, अनाज और उससे जुड़े उत्पादों में 16.12 फीसदी, दूध और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स में 8.79%, अंडे में 8.78%, पहले से बने खाने के आइटम, स्नैक्स और मिठाइयों आदि में 7.78% के साथ मांस और मछली में 6.4% इजाफा देखने को मिला।

नीचे चार्ट में समझें कि किस चीज के दाम में कितनी बढ़ोतरी हुईः

सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.72 प्रतिशत और जनवरी 2022 में 6.01 प्रतिशत थी, जबकि खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही। यह दिसंबर महीने में 4.19 प्रतिशत थी।

वैसे, खुदरा मुद्रास्फीति इससे पहले अक्टूबर में उच्च स्तर 6.77 प्रतिशत पर थी। दरअसल, आरबीआई मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्यतः खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली है। (पीटीआई इनपुट्स के साथ)

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अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

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