आदतन अपराधी बन चुका Pakistan, हमारे घरेलू मसलों पर टिप्पणी का नहीं है उसे अधिकार- UN में इंडिया की करारी लताड़

भारत की ओर से इस दौरान यह भी कहा गया कि पाकिस्तान को सीमापार से की जा रही आतंकी घटनाओं पर एक्शन लेना चाहिए। साथ ही वह इंडिया के हिस्से से अपना अवैध कब्जा छोड़े।

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यूएनजीए की दूसरी समिति के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव पेटल गहलोत।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

जम्मू-कश्मीर और आतंकवाद के मसले पर हिंदुस्तान ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। शनिवार (23 अगस्त, 2023) को यूएनजीए की दूसरी समिति के लिए संयुक्त राष्ट्र में देश की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने पड़ोसी मुल्क को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा- पाकिस्तान इंडिया के खिलाफ आधारहीन और गलत प्रोपगेंडा चलाने के मामले में आदतन अपराधी बन चुका है। यूएन के सदस्य देश और बाकी वैश्विक मंच यह जानते हैं कि वह ऐसा सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए करता है।

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उन्होंने आगे बताया- हम दोहराते हैं कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जुड़े मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मसले हैं। पाकिस्तान को हमारे घरेलू मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है...।

बकौल पेटल, "विश्व के सबसे खराब हम्यूमन राइट्स (मानवाधिकार) रिकॉर्ड वाले मुल्क के रूप में (खासकर जब अल्पसंख्यक और महिला के अधिकारों की बात आती है) तो पाकिस्तान के लिए अच्छा होगा कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अंगुली उठाने से पहले अपना घर दुरुस्त कर ले।"

वह आगे बोलीं- अल्पसंख्यकों के खिलाफ वहां पर हिंसा (प्रणालीगत) का ज्वलंत उदाहरण अगस्त 2023 में फैसलाबाद जिले के जरनवाला में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर की गई क्रूरता में देखने को मिला था। वहां तब कुल 19 चर्च जला दिए गए थे और 89 ईसाई घर फूंके गए थे। पाक में अल्पसंख्यक समुदायों (विशेषकर हिंदू सिख और ईसाइयों) की महिलाओं की स्थिति बेहद दयनीय है।

गहलोत के अनुसार, पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की ओर से हाल ही में जारी रिपोर्ट में बताया गया था कि पाक में हर साल अल्पसंख्यक समुदायों की अनुमानित 1,000 महिलाओं को अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और विवाह का शिकार बनाया जाता है। पाक लंबे समय से विश्व में सबसे बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित आतंकी संस्थाओं और आतंकवादियों का घर और संरक्षक रहा है।

इंडिया की युवा डिप्लोमैट ने आगे अपनी बात जारी रखते हुए बताया, तकनीकी कुतर्क में उलझने के बजाय हम पाक से मुंबई आतंकवादी हमलों के अपराधियों के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने की अपील करते हैं। उस दर्दनाक हमले के पीड़ित 15 साल बाद भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा- दक्षिण एशिया में शांति बहाली के लिए पाकिस्तान को तीन कदम उठाने की जरूरत है। पहला- सीमापार आतंकवाद को रोकना और उसके आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को तुरंत बंद करना। दूसरा- उसके अवैध और जबरन कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों को खाली करना, जबकि तीसरा- पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ गंभीर और लगातार हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकना।

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अभिषेक गुप्ता author

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