घर के लिए लेने जा रहे हैं होम लोन, इन टिप्स का करें इस्तेमाल होगा फायदा
Home Loan Tips: किसी प्रॉपर्टी को खरीदने का अंतिम फैसला करते समय, सभी जरूरी जांच कर लें ताकि यह तय कर सकें कि यह कानूनी है और इसके साथ कोई विवाद तो नहीं जुड़ा है।
होम लोन टिप्स
Home Loan Tips:अधिकांश परिवारों के लिए उनके जीवन की सबसे मंहगी खरीददारी घर ही होता है। होम लोन काफी उपयोगी और पापुलर फाईनेंसिंग सोल्यूशन हैं जिनसे घर खरीदना अफोर्डेबल बन जाता है क्योंकि इससे आप लागत को छोटी किश्तों में डिवाइड कर सकते हैं जिनका भुगतान लंबी अवधि के दौरान किया जाता है। लेकिन, पहली बार लोन लेने वाले लोगों के लिए होम लोन लेने की प्रक्रिया थोड़ी कॉम्प्लेक्स हो सकती है। यदि आप भविष्य में घर खरीदने के लिए होम लोन लेने पर विचार कर रहे हैं, तो यहां पर कुछ बुनियादी बातें बताईं गई हैं जिनसे यह प्रक्रिया आपके लिए सरल हो सकती है, और आप अपनी जरूरत के मुताबिक लोन ले सकते हैं।
अपने क्रेडिट स्कोर पर ध्यान दें
लोन एप्लिकेशन प्रक्रिया में आपका क्रेडिट स्कोर एक अभिन्न पार्ट होता है। बैंक और फाइनेंस कंपनियां इस पर आपकी साख और रीपेमेंट क्षमता को एस्सेस करने के लिए विचार करते हैं। इससे पहले कि आप होम लोन के लिए आवेदन करें, तय कर लें कि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है। खोजबीन करें और बेहतर प्रेक्टिसेज जैसे समय पर अपने बिल का भुगतान करना तथा अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखने के लिए अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित रूप से समीक्षा करना, को अपनाएं। यह बहुत मायने रखता है क्योंकि उधारदाता 750 या अधिक क्रेडिट स्कोर वाले लोन लेने वालों को सबसे कम ब्याज दर पर लोन ऑफर देते हैं।
वैरिफाई करें कि प्रॉपर्टी लीगल है
किसी प्रॉपर्टी को खरीदने का अंतिम फैसला करते समय, सभी जरूरी जांच कर लें ताकि यह तय कर सकें कि यह कानूनी है और इसके साथ कोई विवाद तो नहीं जुड़ा है। आप किसी वकील की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं जो आपके लिए प्रॉपर्टी के कागजात वैरिफाई कर सकता है, जिसमें कानूनी क्लीयरेंस तथा टाइटल आदि शामिल हैं। बिल्डर या ब्रोकर के दावों के अलावा, तय करें कि आप प्रॉपर्टी के दस्तावेजों को वैरिफाई करते हैं। जब आप लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो उधारदाता यह वैरिफाई करने के लिए अपनी खुद की जांच करवा सकते हैं कि संबंधित प्रॉपर्टी कानूनी रूप से सही है।
मार्जिन मनी की व्यवस्था करें
आम तौर पर बैंक-फाइनेंस कंपनियां खासतौर पर, प्रॉपर्टी की खरीद की कीमत का 80% तक फाईनेंस उपलब्ध कराते हैं। शेष 20%, जिसे मार्जिन राशि भी कहा जाता है, उसकी व्यवस्था खुद लोन लेने वाला करता है। यदि आप होम लोन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं तथा जिस राशि के लिए आपने आवेदन करने का फैसला किया है, उसे तय कर लिया है, तो मार्जिन राशि की गणना करें जिसका भुगतान आपको करना होगा तथा एडवांस में इसकी व्यवस्था कर लें। आपको लोन से जुड़े कुछ खास अतिरिक्त खर्चों जैसे स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन, लोन प्रोसेसिंग फीस आदि के भुगतान के लिए भी तैयार रहना होगा।
अपने दस्तावेज तैयार रखें
लोने के लिए एलिजिबिलिटी को एस्सेस करने के लिए, उधारदाता, एप्लिकेशन की प्रक्रिया के एक भाग के तौर पर, अपनी तरफ से कुछ तय जांच करवाते हैं। वे आपको पहचान, आमदनी, तथा एड्रेस का प्रमाण देने के लिए कह सकते हैं, जिसके लिए आपको अपनी पे-स्लिप, टैक्स रिटर्न तथा फॉर्म 16 को सबमिट करवाना पड़ता है। अलग-अलग उधारदाताओं के उधार देने के मानदंड अलग हो सकते हैं। इसलिए, लोन के लिए आवेदन करने से पहले, उन दस्तावेजों की जानकारी प्राप्त कर लें जिनको आपको सबमिट करवाना होगा तथा उन्हें इकठ्ठा करना शुरु कर दें। ऊपर बताई गई बातों को ध्यान में रखते हुए, तय करें कि आप निरन्तर अपनी रिटर्न फाइल करते रहते हैं क्योंकि उनकी ज़रूरत आमदनी और टैक्स के प्रूफ के तौर पर पड़ती है।
को-एप्लिकेंट तैयार रखें
कोई को-एप्लिकेंट या ज्वाइंट एप्लिकेंट, ऐसा व्यक्ति होता है जो प्राइमरी बोरोअर के साथ होम लोन का आवेदन करता है, और लोन को चुकाने में रेस्पोंसिबिलिटी को शेयर करने के लिए सहमत होता है। यह भी संभव है कि खरीदी जाने वाली प्रोपर्टी में, को-एप्लिकेंट, उस प्रोपर्टी में को-ऑनर न हो, लेकिन वह प्राइमरी लोने वाले के साथ लोन को चुकाने के लिए रेस्पोंसिबल होता है। होम लोन की स्थिति में, को-एप्लिकेंट के होने के कई लाभ होते हैं। इससे आपकी लोन एलिजिबिलिटी में बढ़ोतरी हो सकती है, एप्रूवल के चांस बढ़ सकते हैं और आपको बड़ी राशि का लोन लेने में सहायता मिल सकती है, खासतौर पर यदि आप उधारदाता के आय से जुड़े क्राईटेरिया को पूरा नहीं करते हैं।
को-एप्लिकेंट परिवार का सदस्य हो सकता है जैसे आपका पति/पत्नी, माता-पिता या सिबलिंग आदि, जिनको उधारदाता की तय शर्तों के अनुसार स्वीकार किया जा सकता है। एप्लिकेशन के समय, आपको अपने को-एप्लिकेंट का ब्यौरा देना होगा जैसे पहचान का प्रूफ, पता, तथा आमदनी। लोन के एप्रूव होने के बाद, लोन-रिपेमेंट के संबंध में को-एप्लिकेंट लागू टैक्स लाभ प्राप्त कर सकता है।
होम लोन एक दीर्घकालिक फाईनेंशियल कमिटमेंट होता है जिसे सावधानी से लिया जाना चाहिए। होम लोने के लिए आवेदन करने से पहले, अपने फाईनेंस पर इसके संभावित असर को एनालाइज़ कर लें। यदि आप पहले से ही लोन या डेट चुका रहे हैं जैसे एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड ड्यूज़, तो अतिरिक्त लोन से आपके फाईनेंस पर भार बढ़ सकता है। इसलिए, अपनी बचतों और निवेश पर यह आंकलन करने के लिए विचार करें कि क्या आप अतिरिक्त डेट ले सकते हैं। यदि आप होम लोन लेने के लिए फाईनेंशियली स्टेबल हैं, तो सावधानी से राशि और अवधि को चुनें जिससे आप होम लोन को आसानी से चुका सकें, और आपके फाइनेंस पर भी असर न पड़े।
लेखक आदिल शेट्टी BankBazaar.com के सीईओ हैं।
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