Sankashti Chaturthi Chandrodaya Time Today: आज कितने बजे निकलेगा चांद, नोट कर लें सटीक टाइम

Sankashti Chaturthi 2024 Chandrodaya Time Today: इस साल द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 28 फरवरी को मनाई जा रही है। यहां जानिए इस संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय समय यहां देखें।

Sankashti Chaturthi 2024 Chandrodaya Time Today

Sankashti Chaturthi 2024 Chandrodaya Time Today

Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2024 Date, Time, Puja Vidhi And Chandrodaya Time Today: हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं और भगवान गणेश की विधि विधान पूजा करते हैं। 28 फरवरी को फाल्गुन माह की संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है। जिसे द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन भगवान गणेश के अलावा चंद्र देव की पूजा भी की जाती है। यहां जानिए संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त, पूजा विधि और चंद्रोदय समय।

Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2024 Date And Time (द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2024 तिथि व मुहूर्त)

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत 28 फरवरी को यानी आज रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 28 फरवरी को 01:53 AM पर होगा और इसकी समाप्ति 29 फरवरी की सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर होगी।

Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2024 Chandrodaya Time Today (द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी चंद्रोदय समय 2024)

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है। 28 फरवरी को संकष्टी चतुर्थी के दिन चन्द्रोदय रात 09 बजकर 42 मिनट पर होगा।

Dwijapriya Sankashti Chaturthi Puja Vidhi (द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की पूजाविधि)

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर गणेशजी की प्रतिमा स्‍थापित करें। फिर उनकी विधि विधान से पूजा करें। पूजा में गणेश जी को पीले गेंदे का फूल और पांच हरी दूर्वा जरूर चढ़ाएं। इसके साथ ही पान, फूल और फल चढ़ाएं। साथ ही मोदक का भोग भी लगाएं। हो सके तो इस दिन हाथी को हरा चारा या फिर गन्‍ना जरूर खिलाएं।

Dwijapriya Sankashti Chaturthi Mantra (द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का मंत्र)

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपतिजी को भोग लगाते वक्‍त इस मंत्र का पाठ करें।

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।

गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

Dwijapriya Sankashti Chaturthi Mahatva (द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का महत्‍व)

हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेशजी की पूजा करने सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस दिन दान भी जरूर करना चाहिए। संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से घर में धन वृद्धि होती है और सौभाग्‍य भी बढ़ता है।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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