World Encephalitis Day: कैसे फैलता है इंसेफेलाइटिस या दिमागी बुखार, जानें इसके लक्षण कारण और इलाज

World Encephalitis Day, Warning Signs, Symptoms, Treatment In Hindi: इंसेफेलाइटिस सबसे घातक वायरल संक्रमण में से एक है। यह एक मच्छर जनित फ्लेवी वायरस है, जो मच्छरों के काटने से फैलता है। इससे संक्रमित होने पर मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। यदि सही समय पर इसका इलाज न करवाया जाए तो व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है। यहां हम आपको इसेफेलाइटिस वायरस से बचाव, लक्षण व उपचार के बारे में बताएंगे।

World Encephalitis Day 2023

वर्ल्ड इंसेफेलाइटिस डे 2023, दिमागी बुखार के लक्षण, कारण और इलाज

मुख्य बातें
  • 22 फरवरी को इंसेफेलाइटिस डे मनाया जाता है।
  • इसके उद्देश्य इंसेफेलाइटिस जैसे भयावह वायरस से लोगों को जागरूक करना है।
  • यह सबसे घातक वायरल और न्यूरोलॉजिकल विकार है।

World Encephalitis Day Warning Signs, Symptoms, Treatment In Hindi: कोराना वायरस के बाद इंसेफेलाइटिस वायरस ने दुनियाभर में कोहराम मचा रहा है। आए दिन इससे न जाने कितने लोग संक्रमित होते (Encephalitis Disease) हैं। यदि सही समय पर इसका इलाज ना करवाया जाए तो संक्रमित व्यक्ति को अपनी जान भी गंवानी (Encephalitis Warning Sign) पड़ सकता है। वहीं बच्चों में इसके संक्रमण के मामले अधिक देखने को मिल रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट पर नजर डालें तो प्रति 1 मिनट 1 व्यक्ति इंसेफेलाइटिस से संक्रमित होता है। यह बीमारी मस्तिष्क में सूजन के कारण होती है। भारत में इसे चमकी बुखार के नाम से भी जाना (Encephalitis Treatment)जाता है। प्रत्येक वर्ष न जाने कितने मासूम बच्चे इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा (Encephalitis Symptoms) बैठते हैं। यही कारण है कि, इसके संक्रमण से बचने व लोगों को जागरूक करने के लिए वैश्विक स्तर पर विश्व इंसेफेलाइटिस डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को इस भयावह बीमारी के प्रति जागरूक करना है। यह उन लोगों व परिवारों के लिए वैश्विक दिवस है, जो इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं।

इस दिन की स्थापना साल 2014 में द इंसेफेलाइटिस सोसाइटी द्वारा की गई थी। हालांकि आज भी लोग इस बीमारी से अनजान हैं। इंसेफेलाइटिस वायरस से संक्रमित होने के बाद व्यक्ति को तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। इसके शुरुआती लक्षण की बात करें तो पहले संक्रमित व्यक्ति में सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, तेज बुखार आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।बता दें इंसेफेलाइटिस का पहला मामला जापान में पाया गया था। वहीं पिछले कुछ दिनों से असम और मिजोरम में इसके मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं क्या है इंसेफेलाइटिस वायरस, इसके लक्षण व बचाव के तरीके।

क्या है इंसेफेलाइटिस वायरस

इंसेफेलाइटिस सबसे घातक वायरल संक्रमण में से एक है। यह एक मच्छर जनित फ्लेवी वायरस है, जो मच्छरों के काटने से फैलता है। इससे संक्रमित होने पर मस्तिष्क में सूजन हो जाती है। यदि सही समय पर मरीज को अस्पताल में भर्ती न करवाया गया तो व्यक्ति को अपनी जान से हांथ धोना पड़ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो इस वायरल के संक्रमण का खतरा सभी उम्र के लोगों को हो सकता है। WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्येक वर्ष इसके कुल 68000 मामले दर्ज किए जाते हैं।

इंसेफेलाइटिस वायरस के संकेत, Encephalitis Symptoms

इंसेफेलाइटिस सोसाईटी के डॉ एवा ईस्टन ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, अधिकतर मामलो में मरीज में शुरुआत में कोई लक्षण देखने को नहीं मिलते। वहीं कुछ मरीजो में शुरुआतमें तेजी से बुखार, उल्टी, दस्त, मानसिक स्थिति में बदलाव, तेज सिर में दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। यदि सही समय पर इलाज न करवाया जाए यह अपना भयावह रूप धारण कर लेता है, जिसमें संक्रमित को दोरे पड़ना, आंखों के सामने धुंधलापन, मानसिक स्थिति में बदलाव जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।

भारत में इससे संक्रमितों की संख्या

साल 2021 में प्रकाशित न्यूरोलॉजिकल रिपोर्ट पर नजर डालें तो, यह तीसरा सबसे आम न्यूरोलॉजिकल विकार है। साल 2019 में इंसेफेलाइटिस की घटना प्रति वर्ष 51,900 मौतों के साथ 6,10000 लोग संक्रमित हुए थे। वहीं मैनिंजाइटिस से संक्रमितों की संख्या 5,52000 थी। बता दें इंसेफेलाइटिस की संक्रमित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा तमिलनाडु, ओडिशा और आंध्र में थी। वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों में इस बीमारी ने अपना भयावह रूप धारण किया था।

इंसेफेलाइटिस से बचाव के तरीके

इंसेफेलाइटिस से बेहतर टीकाकरण की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही लोगों को इससे जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि इसके लक्षण सामने आने पर आप तुरंत इसका इलाज करवा सकें और स्थिति को भयावह होने से रोका जा सके। यह मच्छर के काटने से फैलता है। ऐसे में आसपास साफ सफाई रखने की जरूरत है ताकि मच्छर ना पनअप सकें। इस प्रकार इंसेफेलाइटिस को रोका सकता है।

इंसेफेलाइटिस का उपचार, Encephalitis Treatment

हाल ही में इसके उपचार में काफी सुधार हुए हैं। इससे संक्रमित मरीजों को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है। तथा समय रहते सही से इलाज किया जाता है। मरीजों को ऑक्सीजन मास्क दिया जाता है, क्योंकि ये वायरस फेफड़ों को संक्रमित करते हैं, जिससे संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आती है। बता दें इंसेफेलाइटिस वायरस का वैक्सीन भी मोजूद है। ऐसे में बच्चों को इसकी वैक्सीन जरूर दिलाएं।

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आदित्य सिंह author

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और शिक्षा से जुड़े मुद्दों में विशेष रुचि। साथ ही हेल्...और देखें

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