Adenovirus Infection: पश्चिम बंगाल में कोरोना जैसा खतरा, क्या है बच्चों को चपेट में लेने वाला एडिनोवायरस, कैसे बचाएं बच्चे को

Adenovirus In India (एडिनोवायरस संक्रमण) : वेस्ट बंगाल में इन दिनों एडिनोवायरस का प्रकोप है। ये भी कोरोना की तरह एक वायरल इंफेक्शन है जो बच्चों के रेस्पिरेटरी सिस्टम पर अटैक करती है। यहां जानें क्या है एडिनोवायरस और कैसे एडिनोवायरस संक्रमण से बच्चों को बचाया जाए।

Adenovirus in West bengal

Adenovirus In India

Adenovirus In India (एडिनोवायरस संक्रमण) : पश्चिम बंगाल के कई शहरों में एडिनोवायरस के मामले लगातार बढ़ते नजर आ रहे हैं। बच्चों के श्वसन तंत्र पर घातक हमला करने वाले इस वायरस ने अब तक 32 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों को अपना शिकार बना लिया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलेरा एंड एंटेरिक डिजीज द्वारा की गई जांच में ये साबित हुआ है कि, प्रदेश भर के अस्पताल एडिनोवायरस का शिकार हुए मरीजों से भरे हुए हैं।

एडिनोवायरस क्या है

एडिनोवायरस एक ऐसा कॉमन वायरस है, जो खासतौर से आंख, फेफड़े, आंत, पेशाब नली और दिमाग पर हमला करता है और संक्रमण फैलाता है। एडिनोवायरस का शिकार हुए मरीजों को सर्दी-जुकाम, फ्लू, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी और इम्यून सिस्टम से संबंधित अन्य दिक्कतों की शिकायत हो सकती है। बता दें कि, ये वायरस साल भर और किसी भी मौसम में, हर उम्र के लोगों पर हमला कर सकता है। वहीं इससे होने वाला असर साधारण से लेकर बहुत भयावह तक हो सकता है।

एडिनोवायरस संक्रमण

एडिनोवायरस एक ऐसा सामान्य वायरस है, जो कोरोना की तरह ही हवा में फैलकर लोगों को सर्दी-जुकाम, फ्लू, श्वांस संबंधित संक्रमण का शिकार बनाता है। सर्दी और वसंत के महीनों में इस वायरस का प्रकोप अपने चरम पर होता है। मरीज के इम्यून सिस्टम और रोग प्रतिरोधक क्षमता के आधार पर इसका प्रकोप हल्के से गंभीर हो सकता है।

एडिनोवायरस संक्रमण कैसे होता है

विशेषज्ञों के अनुसार ये भयानक वायरस किसी पहले से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से होता है। साथ ही एडिनोवायरस के कीटाणु हाथ या गले मिलने, छींकने या खांसने से भी हवा में फैलकर, आपको बीमार कर सकते हैं। न केवल ये बल्कि ये वायरस मल और गंदगी का सहारा लेकर भी वातावरण को दूषित कर सकता है।

एडिनोवायरस से खतरे में बच्चे

एडिनोवायरस का संक्रमण वैसे तो हर किसी को साल भर में कभी भी हो सकता है। लेकिन आमतौर निम्न लोगों को इस वायरस का ज्यादा खतरा हो सकता है –

  • कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग
  • दिल की बीमारी वाले मरीज
  • पहले से श्वास संबंधित दिक्कत से पीड़ित लोग
  • बच्चों को

एडिनोवायरस के लक्षण क्या हैं

वैसे तो कई मामलों में एडिनोवायरस के लक्षण साधारण सर्दी जुकाम जैसे लग सकते हैं। लेकिन शुरुआती समय में इन लक्षणों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। निम्न तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करके तुरंत इलाज जरूर करें –

  1. बुखार
  2. खराश, सूजन या दर्द वाला गला
  3. फेफड़ों में तकलीफ
  4. निमोनिया
  5. कंजक्टीवाइटिस
  6. डायरिया
  7. उल्टी
  8. जी मिचलाना
  9. अपच, कब्ज, पेट दर्द

एडिनोवायरस से बचाव कैसे करें?

एडिनोवायरस के प्रकोप से बचाव सुनिश्चित करने के लिए आपको निम्न बातों का पालन करना होगा –

  • समय समय पर साबुन या हैंड वॉश से हाथ धोएं। 20 सेकंड तक हाथ धोने से कीटाणुओं का बहुत हद तक सफाया हो सकता है।
  • बिना धुले गंदे हाथों से आंख, नाक, मुंह छूने से बचे।
  • बीमार व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क स्थापित करने से खास बचे।
  • दूषित पानी में जाना अवॉइड करें
  • नियमित रूप से वैक्सीन और एंटीवायरल दवाओं का सेवन करें।

इसके अलावा मास्क पहनें और बच्चों को भीड़ भाड़ वाली जगह ले जानें से बचें।

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