दिल्ली में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से पार, निचले इलाकों में रहने वालों के लिए निकासी अलर्ट
दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी का जल स्तर 206.11 मीटर तक बढ़ गया है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है।
दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ा
- यमुना में खतरे का निशान 205.33 मीटर है।
- जलस्तर आज सुबह 206.16 मीटर पर पहुंच गया।
- निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को खाली कराया जा रहा है।
Delhi flood: देश की राजधानी दिल्ली में खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना (Yamuna) नदी का जलस्तर आज सुबह आठ बजे 206.16 मीटर पर पहुंच गया। यमुना नदी में खतरे का निशान 205.33 मीटर है। इसके बाद दिल्ली में यमुना तट के पास निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक निकासी अलर्ट घोषित किया गया है। दिल्ली और आस-पास के इलाकों में कई दिनों तक लगातार बारिश होने से यमुना में इस साल जल स्तर सबसे अधिक हो गया है।
पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट अनिल बांका ने कहा कि जलस्तर 206 मीटर के स्तर को पार करने के बाद मंगलवार सुबह निकासी अलर्ट जारी किया गया था।
उन्होंने कहा कि नदी के किनारे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को खाली कराया जा रहा है और ऊंचे स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों और आसपास के इलाकों में रैन बसेरों में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है। बांका ने कहा कि जल स्तर में और वृद्धि के बारे में लोगों को सावधान करने के लिए घोषणाएं की जा रही हैं।
दिल्ली में नदी के पास के निचले इलाकों को बाढ़ (Flood) की चपेट में माना जाता है। वे करीब 37,000 लोगों के घर हैं। दो महीने के भीतर यह दूसरी बार है जब अधिकारी निचले इलाकों में बाढ़ के कारण नदी के बाढ़ के मैदानों में रहने वाले लोगों को निकाल रहे हैं। यमुना ने 12 अगस्त को 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर लिया था, जिसके बाद लगभग 7,000 लोगों को नदी के किनारे के निचले इलाकों से निकाला गया था।
दिल्ली बाढ़ (Delhi flood) नियंत्रण कक्ष ने कहा कि पुरानी दिल्ली रेलवे पुल पर जल स्तर मंगलवार सुबह 5.45 बजे निकासी स्तर 206 मीटर को पार कर गया। सुबह 8 बजे तक नदी बढ़कर 206.16 मीटर हो गई। इसने भविष्यवाणी की कि दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे के बीच जल स्तर बढ़कर 206.5 मीटर हो सकता है। अधिकारियों ने हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सुबह 7 बजे करीब 96,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की सूचना दी।
सोमवार सुबह 6 बजे डिस्चार्ज रेट 2,95,212 क्यूसेक था, जो इस साल अब तक का सबसे ज्यादा है। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है। आम तौर पर हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी का बहाव बढ़ जाता है। बैराज से छोड़े गए पानी को राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं।
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तरी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। दिल्ली में भी 21 सितंबर से चार दिन तक चलने वाली बारिश दर्ज की गई। यमुना नदी प्रणाली के जलग्रहण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्से शामिल हैं।
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