Bonus Share से नहीं होता 'चवन्नी' का भी फायदा, फिर क्यों जारी करती हैं कंपनियां, जानें वजह

Why Bonus Share Are Not Beneficial: बोनस शेयर इसलिए एलॉट किए जाते हैं क्योंकि कोई कंपनी मुनाफा कमाने के बावजूद शेयरधारकों को लाभांश नहीं दे पाती। हालाँकि, बोनस शेयर केवल तभी जारी किए जा सकते हैं जब कंपनी के पास बड़े पैमाने पर फ्री रिज़र्व हो और उसने भारी मुनाफ़ा दर्ज किया हो।

Bonus Share Are Not Beneficial

बोनस शेयर फायदेमंद नहीं हैं

मुख्य बातें
  • बोनस शेयर से नहीं होता फायदा
  • बोनस शेयर अकसर जारी करती हैं कंपनियां
  • डिविडेंड की जगह पर मिलते हैं बोनस शेयर

Why Bonus Share Are Not Beneficial: बोनस शेयर (Bonus Share) वे अतिरिक्त शेयर होते हैं जो कोई कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को बिना किसी अतिरिक्त खर्च के जारी करती है। बोनस शेयर कंपनी की संचित कमाई (Accumulated Earnings) है जिसे लाभांश (डिविडेंड) के तौर पर बांटने के बजाय मुफ्त शेयरों में बदल दिया जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि असल में शेयरधारकों को बोनस शेयरों से कोई भी फायदा नहीं होता। फिर क्यों कंपनियां ये फ्री शेयर जारी करती हैं, आगे जानिए इस सवाल का जवाब।

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कंपनियां क्यों जारी करती हैं बोनस शेयर

बोनस शेयर इसलिए एलॉट किए जाते हैं क्योंकि कोई कंपनी मुनाफा कमाने के बावजूद शेयरधारकों को लाभांश नहीं दे पाती। हालाँकि, बोनस शेयर केवल तभी जारी किए जा सकते हैं जब कंपनी के पास बड़े पैमाने पर फ्री रिज़र्व हो और उसने भारी मुनाफ़ा दर्ज किया हो।

क्यों नहीं होता फायदा

सबसे बड़ा सवाल जो आपके मन में चल रहा होगा कि आखिर बोनस शेयर से शेयरधारकों को फायदा क्यों नहीं होता? दरअसल कोई कंपनी जब एक तय अनुपात (1:1, 1:2 या कोई) में बोनस शेयर जारी करती है तो उसी हिसाब से उसके शेयर की मार्केट वैल्यू कम हो जाती है।

ऐसे में शेयरधारक के पास एक्स्ट्रा शेयर तो आते हैं, मगर नए और पुराने दोनों तरह के शेयरों की वैल्यू उसी हिसाब से कम हो जाती है, जिस अनुपात में बोनस शेयर जारी किए गए हैं। आगे एक उदाहरण से समझिए पूरा मामला।

आसान शब्दों में समझिए

मान लीजिए किसी कंपनी ने निवेशकों को 1 शेयर पर 1 बोनस शेयर जारी करने का ऐलान किया और उस कंपनी के शेयर की मार्केट में कीमत 30 रु है। अब किसी शेयरधारक के पास 10 शेयर हैं तो उसे 10 शेयर फ्री में मिलेंगे। उसके पास हो जाएंगे कुल 20 शेयर। पहले 30 रु के हिसाब से 10 शेयरों की वैल्यू रहती 300 रु। अब 30 रु की मार्केट कीमत के हिसाब से उसकी निवेश राशि हो जानी चाहिए थी 600 रु।

मगर ऐसा नहीं होगा। यहां पर शेयर की मार्केट वैल्यू भी घटकर आधी रह जाएगी। यानी 15 रु और 20 शेयरों (बोनस शेयरों के साथ) की कुल वैल्यू 15 रु के हिसाब से रहेगी 300 रु।

यदि कोई कंपनी 1 पर बोनस 2 शेयर दे तो उस कंपनी के शेयर की मार्केट वैल्यू भी एक तिहाई और 1 पर 10 बोनस शेयर जारी करने वाली कंपनी के शेयर की वैल्यू 1/10 रह जाएगी। यानी आपको पैसों के लिहाज से कुछ भी फायदा नहीं होगा।

डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर बोनस शेयरों की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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