Seif Al-Adel: अलकायदा को मिला आतंक का नया आका, सैफ अल-अदेल ने ली जवाहिरी की जगह, ईरान से कर रहा ऑपरेट

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अल कायदा के नए मुखिया अल-अदेल के सिर पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम है और वह अब आतंकी समूह का निर्विरोध नेता है।

Seif Al-Adel

आतंकी संगठन की कमान सैफ अल-अदेल को मिली

दुनिया भर में आतंक फैलाने वाले अलकायदा को नया मुखिया मिल गया है। अल जवाहिरी के मारे जाने के बाद अब इस आतंकी संगठन की कमान सैफ अल-अदेल को मिली है। अदेल मिस्र के विशेष सुरक्षा बल में अधिकारी रह चुका है और फिलहाल ईरान से ऑपरेट कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अल कायदा के नए मुखिया अल-अदेल के सिर पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम है और वह अब आतंकी समूह का निर्विरोध नेता है।

अमेरिकी मिसाइल हमले में मारा गया था जवाहिरी

अल कायदा ने अब तक औपचारिक रूप से अयमान अल-जवाहिरी के उत्तराधिकारी का नाम नहीं लिया है, जो पिछले साल काबुल में अमेरिकी मिसाइल हमले में मारा गया था। जवाहिरी का मारा जाना 2011 में इसके संस्थापक ओसामा बिन लादेन को ढेर किए जाने के बाद से संगठन के लिए एक बड़ा झटका था। हालांकि एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने जनवरी में कहा था कि जवाहिरी का उत्तराधिकार अस्पष्ट है।

अल-कायदा के जोखिमों का आकलन करने वाली संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर और दिसंबर में कई सदस्य देशों ने माना कि सैफ अल-अदेल पहले से ही मुखिया के रूप में काम कर रहा है और वही इस आतंकी संगठन का असल और निर्विरोध नेता है। अल कायदा विशेषज्ञों का कहना है कि जवाहिरी की मौत से आतंकी संगठन पर एक रणनीतिक नेता चुनने का दबाव पड़ा था, जो घातक अभियानों की योजना बना सके और जिहादी नेटवर्क चला सके।

अदेल छिपकर बनाता है हमलों की योजना

अदेल के काम करने का तरीका जवाहिरी से अलग है जो अमेरिका को धमकाने के लिए भड़काऊ वीडियो दिखाया करता था। विशेषज्ञों का कहना है कि अदेल छिपकर हमलों की योजना बनाता है। और उसकी इसी योजना ने अल कायदा को दुनिया के सबसे घातक आतंकवादी समूह में बदलने में मदद की। अदेल को तंजानिया और केन्या में अमेरिकी दूतावासों पर बम हमलों में उनकी भूमिका के लिए नवंबर 1998 में अमेरिकी अदालत ने दोषी ठहराते हुए आरोप लगाया था। इन हमलों में 224 नागरिक मारे गए थे और 5,000 से अधिक घायल हुए थे।

महज कुछ ही तस्वीरें मौजूद

उसकी कुछ ही तस्वीरें मौजूद हैं। तीन तस्वीरों के अलावा एफबीआई की मोस्ट वांटेड सूची में उसकी एक गंभीर सी दिखने वाली ब्लैक एंड व्हाइट फोटो शामिल है। अमेरिकी जांचकर्ताओं के अनुसार, अफ्रीका में उसकी सक्रियता और 2002 में पाकिस्तान में अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या से जुड़े मामले के अलावा अदेल के बारे में बहुत कम जानकारी है। अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि अदेल ईरान में है और वहीं से आतंक और दहशत की दुकान चला रहा है।

2003 में ईरान ने नजरबंद कर दिया था

जानकारी के मुताबिक, अफ्रीका में बमबारी के बाद मिस्र की सेना का पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल रहा अदेल दक्षिण-पूर्वी ईरान चला गया था, जहां वह देश के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के संरक्षण में रहने लगा। उसे और अल कायदा के अन्य नेताओं को अप्रैल 2003 में ईरान ने नजरबंद कर दिया था। यमन में अपहरण किए गए एक ईरानी राजनयिक के बदले में उसे और चार अन्य को रिहा कर दिया गया था।

30 की उम्र में फैलाई थी दहशत

अदेल ने 30 साल की उम्र में ही बड़ी घटना को अंजाम दिया था। उसने सोमालिया के मोगादिशु में 1993 के कुख्यात 'ब्लैक हॉक डाउन' ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इस ऑपरेशन में 19 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद सैनिकों के शवों को सड़क पर घसीटा गया था। 2011 में ओसामा बिन लादेन की हत्या के बाद से अदेल अलकायदा में एक महत्वपूर्ण रणनीतिकार बन गया। अल जवाहिरी की मौत के बाद वह आतंकी संगठन का निर्विवाद सरगना बन गया।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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