Tulsi Vivah 2022: विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम, जानें तुलसी विवाह पूजा का महत्व
Tulsi Vivah significance: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी एवं द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह मनाया जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त पर पूजा करने से विष्णु जी एवं तुलसी मां प्रसन्न होती हैं।
अधिकांश भारतीय परिवारों के आंगन में यह पवित्र पौधा लगाया जाता है। इससे घर में बरकत होती है। कार्तिक की एकादशी साल में पड़ने वाली 24 एकादशियों में से सर्वश्रेष्ठ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु चिरनिद्रा से जागते हैं। ऐसा कहा जाता है इस दिन विष्णु जी एवं तुलसी माता की पूजा करने एवं व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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तुलसी विवाह का महत्व
पद्मपुराण के अनुसार राजा जालंधर की पत्नी वृंदा के श्राप से भगवान विष्णु पत्थर बन गए थे, जिस कारणवश प्रभु को शालिग्राम भी कहा जाता है। भक्तगण इस रूप में भी उनकी पूजा करते हैं। इसी श्राप से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु को अपने शालिग्राम स्वरुप में तुलसी से विवाह करना पड़ा था और उसी समय से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को तुलसी विवाह का उत्सव मनाया जाता है।
तुलसी विवाह के दिन करें ये उपाय
देवोत्थान एकादशी के दिन पीपल के पेड़ को जल चढ़ाए और शाम के समय इसके समीप दीपक जलाएं। ऐसा इसलिए करना है क्योंकि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना गया है। इसी तरह ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करते हुए तुलसी जी की 11 परिक्रमा करें। देवोत्थान एकादशी के दिन तुलसी विवाह का आयोजन करें और तुलसी मंगलाष्टक का पाठ करें। विवाह में आ रही बाधा दूर करने के लिए ये उपाय श्रेष्ठ माना गया है।
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कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जिले के छोटे से कस्बे खुर्जा का रहने वाला ह...और देखें
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