ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के खिलाफ याचिका खारिज, पढ़ें इलाहाबाद HC के फैसले की 10 बड़ी बातें
हाई कोर्ट ने सर्वेक्षण का आदेश पारित करते हुए कहा कि एएसआई के इस आश्वासन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि ढांचा क्षतिग्रस्त नहीं होगा।
Gyanvapi case
Gyanvapi Survey: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका आज खारिज कर दी। अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने वाराणसी की जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की दलीलों के बाद हाई कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया जो मुस्लिम पक्ष के लिए बड़ा झटका है। अदालत के फैसले की क्या-क्या बड़ी बातें रही जानिए।
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फैसले की 10 बड़ी बातें
- हाई कोर्ट ने सर्वेक्षण का आदेश पारित करते हुए कहा कि एएसआई के इस आश्वासन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि ढांचा क्षतिग्रस्त नहीं होगा।
- अदालत ने साथ ही कहा कि सर्वेक्षण के लिए किसी तरह की खुदाई नहीं का जानी चाहिए।
- हाई कोर्ट ने कहा कि विवादित परिसर के सर्वेक्षण को लेकर जिला अदालत का आदेश उचित है और इस अदालत द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप जरूरी नहीं है।
- हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है।
- हाई कोर्ट ने कहा है कि उसके इस निर्णय के साथ जिला अदालत का सर्वेक्षण का आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है।
- जैन ने इसे बहुत महत्वपूर्ण निर्णय बताते हुए कहा कि अंजुमन इंतेजामिया ने दलील दी थी कि इस सर्वेक्षण से ढांचा प्रभावित होगा, लेकिन अदालत ने उन सारी दलीलों को खारिज कर दिया है।
- विष्णु शंकर जैन ने बताया कि अदालत ने अंजुमन इंतेजामिया की याचिका खारिज कर दी है।
- उन्होंने कहा कि इससे पूर्व अंजुमन इंतेजामिया की दलील थी कि उसे हाई कोर्ट जाने का मौका नहीं मिला, इसलिए अदालत ने उसकी दलीलों पर सुनवाई की।
- जैन ने कहा कि अदालत ने याचिका खारिज कर जिला अदालत का निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
- इससे पहले मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने निर्णय आने तक एएसआई के सर्वेक्षण पर रोक लगा दी थी।
वाराणसी जिला अदालत ने दिया था सर्वे का निर्देश
वाराणसी जिला अदालत के आदेश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को यह निर्धारित करने के लिए सर्वे करने का निर्देश दिया गया था कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद एक मंदिर पर बनाई गई थी। सुनवाई के दौरान मंदिर और मस्जिद पक्ष ने जमकर बहस की थी। कानूनी के साथ-साथ ऐतिहासिक तथ्य रखे गए थे, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट में हिंदू पक्ष ने जो दलील दी है। उसमें कहा गया है कि ASI सर्वे से ज्ञानवापी की संरचना की सच्चाई सामने आएगी। सर्वे यह पता लगाने में मदद करेगा कि क्या वर्तमान संरचना का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना के ऊपर किया गया था।
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