उपचुनाव के नतीजों में दिखा 2024 का चुनावी ट्रेलर, जमीनी हकीकत से बहुत दूर है विपक्ष

बिहार में बीजेपी ने जो प्रदर्शन किया है, वो महागठबंधन के लिए खतरे की घंटी है। क्योंकि जब से नीतीश कुमार ने आरजेडी से हाथ मिलाकर सरकार बनाई, तब से लोग यही बता रहे थे कि अब बिहार में बीजेपी के लिए कोई चांस नहीं है और जैसे 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का हाल हुआ था वैसा ही हाल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का होगा।

by poll results 2022

विधानसभा की 7 सीटों में से 4 पर जीती भाजपा।

मुख्य बातें
  • बिहार में बीजेपी ने जो प्रदर्शन किया है, वो महागठबंधन के लिए खतरे की घंटी है
  • 7 सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने 4 सीटें जीतीं, इससे विपक्ष की बेचैनी बढ़ गई है
  • बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के महागठबंधन का तीन महीने में ही टेस्ट हो गया

BY election poll results 2022 : पिक्चर कैसी दिखने वाली है। इसका एक ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस ट्रेलर से पता चल रहा है कि जो लोग नीतीश कुमार के पाला बदलने से 2024 के चुनाव को पलटता हुआ देख रहे हैं या फिर जो लोग 2024 के लिए नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर के चंद्र शेखर राव या अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं के लिए माहौल बना रहे हैं। और जो लोग कांग्रेस और राहुल गांधी को 2024 से पहले रिवाइव होते हुए बता रहे हैं। वो सब लोग जमीनी हकीकत से बहुत दूर हैं। और ये बात देश के 6 राज्यों में 7 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों से पता चल रही है। इस उपचुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि बीजेपी इस वक्त भी विपक्ष से बहुत आगे है। इसमें कांग्रेस तो कहीं भी नहीं है

उपचुनाव में बीजेपी ने जीतीं 5 सीटें

7 सीटों पर उपचुनाव के नतीजों में बीजेपी ने 4 सीटें जीतीं। इस उपचुनाव में खासतौर पर तीन राज्य ऐसे हैं, जहां बीजेपी के प्रदर्शन ने विपक्ष को बेचैन कर दिया होगा। ये राज्य हैं, बिहार, ओडिशा और तेलंगाना। ये तीनों राज्य वो हैं, जहां पर विपक्ष सत्ता में है। बिहार में जेडीयू+आरजेडी, ओडिशा में बीजेडी और तेलंगाना में टीआरएस। तीनों राज्य ऐसे हैं, जहां के नेताओं को पीएम पद की रेस में गिना जाता है। बिहार में नीतीश कुमार, ओडिशा में नवीन पटनायक और तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव। इन तीनों राज्यों में लोकसभा सीटें कितनी हैं ये भी देख लीजिए। बिहार- 40- बीजेपी की-17 सीट, ओडिशा-21- बीजेपी की-8 सीट और तेलंगाना-17 बीजेपी की 4 सीट। इन तीन राज्यों में लोकसभा की कुल 78 सीटें हैं।

लालू यादव के गृह जिले में हारी राजद

बिहार में बीजेपी ने जो प्रदर्शन किया है, वो महागठबंधन के लिए खतरे की घंटी है। क्योंकि जब से नीतीश कुमार ने आरजेडी से हाथ मिलाकर सरकार बनाई, तब से लोग यही बता रहे थे कि अब बिहार में बीजेपी के लिए कोई चांस नहीं है और जैसे 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का हाल हुआ था वैसा ही हाल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का होगा। लेकिन नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के महागठबंधन का तीन महीने में ही टेस्ट हो गया। गोपालगंज की सीट पर बीजेपी की जीत को महागठबंधन रोक नहीं पाया। जबकि गोपालगंज लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी का होम डिस्ट्रिक्ट है। मोकामा की सीट पर बीजेपी ने कड़ी टक्कर दी, जबकि ये सीट बाहुबली अनंत सिंह की सीट रही है। यहां से उनकी पत्नी आरजेडी के टिकट पर लड़ रही थी। और इस बार जेडीयू भी साथ थी।

मोकामा सीट पर भाजपा ने दी कांटे की टक्कर

मोकामा सीट पर 2020 में अनंत सिंह की जीत का अंतर- करीब 35000 वोट का था। 2022 के उपचुनाव में अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी की जीत का अंतर- करीब 16,000 वोट ही रहा। अब यहां ध्यान देने वाली बात है कि 2020 में अनंत सिंह आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीते थे। इस बार आरजेडी के साथ जेडीयू भी थी। और बीजेपी मोकामा में पहली बार चुनाव लड़ रही थी फिर भी बीजेपी को 63003 वोट मिले। आरजेडी को 79744 वोट मिले। 2020 के चुनाव में अनंत सिंह ने आरजेडी से लड़ा था तो 78,721 वोट मिले थे। मोकामा में 2020 के चुनाव का रिजल्ट कुछ इस तरह था। आरजेडी को 78,721 वोट, जेडीयू को 42,964, एलजेपी को 13,331 और आरएलएसपी को 4000 वोट।

गोपालगंज में मायावती-ओवैसी की वजह से आरजेडी की हार

अब होना ये चाहिए था कि जीत का अंतर बड़ा होना चाहिए था लेकिन जीत का अंतर करीब -करीब आधा हो गया। इसका एक मतलब ये भी हो सकता है कि जेडीयू के वोटर ने आरजेडी को वोट नहीं किया। गोपालगंज की सीट के बारे में आपको बताता हूं। यहां का रिजल्ट और दिलचस्प है। पहले आपको रिजल्ट बता देता हूं। गोपालगंज में बीजेपी को 1794 वोट से जीत मिली। बीजेपी को 70,053 वोट, आरजेडी को 68,259 वोट मिले। लेकिन इस चुनाव में दिलचस्प ये है कि ओवैसी की पार्टी और मायावती की पार्टी को भी काफी वोट मिले और इसी से आरजेडी का खेल हो गया।

  1. बीजेपी को 70,053 वोट
  2. आरजेडी को 68,259 वोट
  3. AIMIM को 12214 वोट
  4. बीएसपी को 8854 वोट
बीएसपी से जो कैंडिडेट चुनाव लड़ रही थीं वो डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के मामा यानी लालू यादव के साले साधु यादव की पत्नी हैं। यानी तेजस्वी के मामा-मामी ने नुकसान कराया। बाकी बचे ओवैसी भाईजान, उन्होंने तो तेजस्वी का बड़ा नुकसान कर दिया। जितने वोट से तेजस्वी की पार्टी गोपालगंज में हारी, उससे 7 गुना वोट ओवैसी की पार्टी को मिल गए।

2019 के बाद पहली बार उपचुनाव में हारी बीजद

अब दूसरे राज्य की बात करते हैं, जहां विपक्ष की सरकार है। वो राज्य है ओडिशा। वहां पर 2009 के बाद से पहली बार हुआ है कि सत्ताधारी बीजेडी किसी उपचुनाव में हारी है। ओडीशा की धामनगर सीट पर उपचुनाव हुआ था, ये सीट 2019 में बीजेपी के पास थी लेकिन बीजेपी के विधायक के निधन से ये सीट खाली हुई और जब उपचुनाव का रिजल्ट आया तो बीजेपी ने पिछली बार के मुकाबले कहीं बड़े अंतर से चुनाव जीता।

  • धामनगर में बीजेपी को 80,351 वोट मिले
  • बीजेडी को 70470 वोट मिले
  • बीजेपी ने 9881 वोट से चुनाव जीता
  • जबकि 2020 में बीजेपी की जीत का अंतर करीब 5000 वोट था

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