तो इस बार एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में CM प्रोजेक्ट नहीं करेगी BJP? जानिए क्या है भाजपा की रणनीति

राजस्थान में तो पीएम मोदी सीधे इशारा कर चुके हैं, वहीं मध्य प्रदेश में कई सांसदों और केंद्रीय मंत्री को मैदान में उतार कर बीजेपी इशारा कर चुकी है कि इस बार सिर्फ शिवराज ही रेस में नहीं होंगे।

modi shah nadda

मध्य प्रदेश और राजस्थान में सीएम फेस को लेकर बीजेपी दे चुकी है संकेत

तस्वीर साभार : IANS

कुछ ही महीनों के अदंर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चारों में से एक राज्य मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस तो तेलंगाना में बीआरएस की सरकार है। इन चारों राज्यों में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक रखी है। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कई कार्यक्रम कर चुके हैं या करने वाले हैं। इन चारों राज्यों में बीजेपी सीएम के नाम का ऐलान नहीं करती दिख रही है।

राजस्थान में तो पीएम मोदी सीधे इशारा कर चुके हैं, वहीं मध्य प्रदेश में कई सांसदों और केंद्रीय मंत्री को मैदान में उतार कर बीजेपी इशारा कर चुकी है कि इस बार सिर्फ शिवराज ही रेस में नहीं होंगे।

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पीएम के चेहरे पर चुनाव

कहा जा रहा है कि बीजेपी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना - इन चारों ही राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ेगी और चुनाव के बाद बहुमत मिलने पर भाजपा संसदीय बोर्ड संबंधित राज्यों के विधायकों के साथ विचार-विमर्श कर सीएम का नाम तय करेगा।

मध्य प्रदेश का हाल

भाजपा ने मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव के मद्देनजर सोमवार को अपने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में 3 केंद्रीय मंत्रियों सहित 7 सांसदों और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तक को विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं, क्योंकि भाजपा ने जिन केंद्रीय मंत्रियों- नरेंद्र सिंह तोमर,फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रल्हाद पटेल के अलावा पार्टी के जिन राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है, उनमें से तीन मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जाते हैं। इसके साथ ही पार्टी ने लोकसभा के जिन सांसदों - रीति पाठक, राकेश सिंह, गणेश सिंह और उदय प्रताप सिंह को विधान सभा के चुनावी मैदान में उतारा हैं, उनमें से एक भाजपा आलाकमान के काफी करीबी माने जाते हैं।

राजस्थान में रणनीति

राजस्थान में प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की लगातार कोशिशों और मांग के बावजूद पार्टी ने अभी तक चुनावों में उनकी भूमिका तय नहीं की है। वसुंधरा राजे सिंधिया के विरोधी गुट के कई दिग्गज यहां तक कि केंद्रीय मंत्री भी सार्वजनिक रूप से यह कह चुके हैं कि भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद के योग्य कई व्यक्ति है और मुख्यमंत्री पद का फैसला चुनाव बाद भाजपा का संसदीय बोर्ड तय करेगा।

छत्तीसगढ़-तेलंगाना में रणनीति

छत्तीसगढ़ में भाजपा आलाकमान बदलाव का फैसला काफी पहले ही कर चुका है, इसलिए रमन सिंह की बजाय अन्य नेताओं को ज्यादा आगे किया जा रहा है। तेलंगाना में पार्टी ने इसी वर्ष तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष बी. संजय कुमार को हटाकर केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया और बाद में जेपी नड्डा ने बी. संजय कुमार को अपनी राष्ट्रीय टीम में महासचिव बना कर यह साफ संकेत दे दिया कि पार्टी राज्य में कई नेताओं को बड़ा बनाना चाहती है, ताकि अलग-अलग इलाकों में उनके प्रभाव, लोकप्रियता और सांगठनिक क्षमता का सदुपयोग किया जा सके। पांचवां राज्य, पूर्वोत्तर का मिजोरम है, जहां इस वर्ष के अंत तक विधान सभा का चुनाव होना है।

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