Health Tips: पैर छूने की परंपरा के क्या हैं फायदे, जानें चरण स्पर्श करने पर शरीर के किस अंग पर होता है कैसा असर

Benefits of Touching Feet: पैर छूने हमारी परंपराओं का हिस्सा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चरण स्पर्श करने से हमारे शरीर को कई तरह से फायदा मिलता है जिसमें एक बड़ी समस्या का निदान भी शामिल है। यहां देखें चरण स्पर्श के फायदे हिंदी में और कैसे पैर छूना आपकी सेहत को सुधार सकता है।

charan sparsh ke fayde

कैसे पैर छूना आपकी सेहत को सुधार सकता है

Benefits of Touching Feet: सनातन परंपरा जीवन जीने की एक कला है। भारतीय संस्कृति में चरण स्पर्श करना सम्मान का प्रतीक माना जाता है। भारतीय संस्कृति में चरण स्पर्श करना बड़ों और अनुभवों के प्रति सम्मान, कृतज्ञता और विनम्रता का प्रतीकहै। वैसे ये सिर्फ हमारे परंपरा का अहम हिस्सा ही नहीं है बल्कि इसके मनोवैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ भी हैं। सदियों पुरानी इस परंपरा के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं।

पैर छूने के मनोवैज्ञानिक लाभ

किसी बड़े के पैर छूने से कई मनोवैज्ञानिक लाभ होते हैं। जब हम किसी बड़े व्यक्ति के पैर छूते हैं तो विनम्रता और कृतज्ञता की भावना को बढ़ावा मिलता है। इससे हमारे मन के अंदर से अहंकार और स्वार्थ जैसी भावना मिटती है। ऐसा करने से उस व्यक्ति के प्रति आदर और विनय का भाव जागृत होता है और हमारे मन में सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रवाह होता है।

पैर छूने के स्वास्थ्य लाभ

अगर आप किसी व्यक्ति को पैर छूने के लिए झुकते हैं तो इससे शरीर में रक्त प्रवाह भी बढ़ता है। जब आप झुकते हैं तो आपका दिल सिर के ऊपर होता है। यह रक्त को आपके मस्तिष्क की ओर तेजी से प्रवाहित करने में मदद करता है जिससे रक्त संचार तेजी से होता है। यानी चरण स्पर्श करना खून का संचार बढ़ाता है जिससे दिल को फायदा पहुंचता है।

पैर छूने का नर्वस सिस्टम पर असर

पैर छूने के कई लाभ हैं जिनमें से एक फायदा नर्वस सिस्टम में सुधार को लेकर भी है। जब आप बड़ों के पैर छूने के लिए झुकते हैं तो आपकी उंगुलियां बड़ों के पैरों के संपर्क में आती हैं। ये एक्यूपेशर की तर्ज पर काम करता है। पैर छूने से शरीर के कुछ पॉइंट्स दबते हैं जो मन और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसलिए बड़ों के पैर छूना सिर्फ आदर का भाव ही नहीं प्रकट करता, बल्कि ऐसा करने से शारीरिक और मानसिक कल्याण में भी लाभ पहुंचता है।

पैर छूना भावनात्मक बंधन को बढ़ाता है

सनातन पद्धति में नैतिक शिक्षा का बहुत महत्व है। सदियों से चली आ रही चरण स्पर्श की परंपरा पीढ़ियों के बीच भावनात्मक संबंध को बढ़ाती है। इस परंपरा के माध्यम से हम अपने से बड़ों को सम्मान देते हैं और बदले में आशीर्वाद लेते हैं जो हमारे जीवन को सही मार्गदर्शन देता है।

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    TNN हेल्थ डेस्क author

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