पेट्रोल-डीजल पर फिर बढ़ेगी टेंशन, रूस के अचानक फैसले से बिगड़ेंगे हालात !

Russia Ban Export Of Petrol And Diesel: रूस ने बढ़ती घरेलू दरों में स्थिरता लाने और देश की ईंधन आपूर्ति में सुधार के मकसद से गैसोलीन और डीजल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। रूस के इस फैसले से वैश्विक बाजार में ईंधन के दाम बढ़ने के आसार हैं।

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दुनिया भर में होगा असर

Russia Ban Export Of Petrol And Diesel: एक बार फिर कच्चे तेल के दाम में तेजी से इजाफा हो सकता है। पहले ओपेक प्लस देशों का और अब रूस का फैसला अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ा सकता है। असल में रूस ने अस्थायी रूप से पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। उसने ऐसा घरेलू बाजार में कीमतों को कंट्रोल में लान के लिए कहा है। रूस की सरकार ने बृहस्पतिवार को इस संबंध मे आदेश जारी करते हुए कहा कि पाबंदियां अस्थायी होंगी। हालांकि पाबंदियां कब खत्म होंगी, इसकी जानकारी सरकार ने नहीं दी। रूस से भारत भी सस्ती दरों पर कच्चे तेल का आयात कर रहा है।

कितना निर्यात

रूस ने बढ़ती घरेलू दरों में स्थिरता लाने और देश की ईंधन आपूर्ति में सुधार के मकसद से गैसोलीन और डीजल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। रूस के इस फैसले से वैश्विक बाजार में ईंधन के दाम बढ़ने के आसार हैं।सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ की खबर के अनुसार रूस प्रतिदिन लगभग 9,00,000 बैरल डीजल और 60,000 से 1,00,000 तक बैरल गैसोलीन का निर्यात करता है। तास की खबर के अनुसार प्रतिबंध की घोषणा होने के बाद ईंधन की घरेलू दरों में चार प्रतिशत के आसपास गिरावट आई है। हालांकि रूस के नेतृत्व वाले व्यापारिक समूह ‘यूरेशियन इकॉनोमिक यूनियन’ में शामिल अन्य देशों आर्मेनिया, बेलारूस, किर्गिस्तान और कजाखस्तान पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

गोल्डमैन सैक्स ने दिया नई कीमतों का अनुमान

गोल्डमैन सैक्स ने अगले 12 महीनों के लिए ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों के अपने अनुमान को बढ़ाया है। गोल्डमैन सैक्स के अनुमान के अनुसार अगले 12 महीनों में 100 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच सकता है, जो पहले अपेक्षित 93 डॉलर था। गोल्डमैन सैक्स ने ओपेक+ (OPEC+) द्वारा सप्लाई में कटौती और ग्लोबल डिमांड में बढ़ोतरी के चलते ये बढ़ोतरी हो सकती है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक इंवेंट्री में भी कमी आ सकती है। सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओपेक+ ग्रुप की कटौती और बढ़ती मांग से इस कार्टेल और उसके सहयोगियों को 2024 में ब्रेंट की कीमतें 80 डॉलर और 105 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहने का अनुमान है।

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