RBI ने नहीं दी EMI पर कोई राहत, महंगाई को देखते हुए रेपो रेट में बदलाव नहीं
RBI Keeps Repo Rate Unchanged: आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे उन लोगों को ईएमआई पर कोई राहत नहीं मिलेगी, जिन्होंने कोई लोन ले रखा है।
आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी या कटौती नहीं की
- आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव
- 6.5 फीसदी पर रहेगी बरकरार
- ईएमआई नहीं होगी कम
RBI Keeps Repo Rate Unchanged: आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है। मॉनेटरी पॉलिसी समिति (MPC) की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का ऐलान किया है। आरबीआई ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। इससे पहले अप्रैल और जून में भी रेपो रेट 6.5 फीसदी ही बरकरार रखी गई थी।
इससे उन लोगों को ईएमआई (EMI) पर कोई राहत नहीं मिलेगी, जिन्होंने कोई लोन ले रखा है। आम तौर पर आरबीआई के रेपो रेट घटाने पर बैंक ब्याज दरें घटाते हैं, जिससे लोन लेने वालों की ईएमआई कम होती है। वहीं रेपो रेट बढ़ने पर ईएमआई का बोझ बढ़ जाता है।
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महंगाई को काबू में रखने की कोशिश
वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा के अनुसार रिजर्व बैंक ने आज रेपो रेट में कोई वृद्धि नहीं की है। 2023 में तीसरी बार लगातार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया है। महंगाई दर को काबू में रखने के लिए रिजर्व बैंक के प्रयास जारी हैं। अभी रेपो रेट 6.50 ही रहेगा।
आरबीआई ने 2023-24 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है।
जानें मॉनेटरी पॉलिसी की बाकी अहम बातें- एमएसएफ दर (MSF Rate) और बैंक दर (Bank Rate) 6.75 फीसदी बरकरार
- एसडीएफ दर (SDF Rate) 6.25% पर अपरिवर्तित
- सब्जियों की कीमतों के कारण जुलाई-अगस्त में महंगाई बढ़ने की आशंका
- एमपीसी (मॉनेटरी पॉलिसी समिति) का मुद्रास्फीति को अपने 4 फीसदी लक्ष्य के अनुरूप रखने के लिए दृढ़ संकल्प है
ग्रोथ बढ़ाने पर फोकस
राणा के मुताबिक रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को न बढ़ाने के पीछे देश में आर्थिक प्रगति को जारी रखने और फेडरल रिजर्व द्वारा बढ़ाई गई ब्याज दर को भी ध्यान में रखा है, क्योंकि कर्ज़ महंगा होने से बैंकों सहित कई सेक्टरों पर निगेटिव असर पड़ता है। रिजर्व बैंक गवर्नर ने बैंकों की अच्छी स्थिति की भी जानकारी दी और कहा कि इंडिया वर्ल्ड ग्रोथ का इंजन भी बन सकता है।
बैंकों और कर्ज लेने वालों दोनों को राहत
रेपो रेट में वृद्धि से बैंकों से कर्ज लेने वाले बैंक के ग्राहकों के लिए मुश्किल बढ़ सकती थी। रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों के साथ साथ कर्ज देने वाले बैंकों को भी बड़ी राहत दी है।
ग्रोथ रेट के लिए आरबीआई के अनुमान
- अप्रैल-जून 2023 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 8.0 प्रतिशत पर बरकरार
- जुलाई-सितंबर 2023 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार
- अक्टूबर-दिसंबर 2023 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.0 प्रतिशत पर बरकरार
- जनवरी-मार्च 2024 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 5.7 प्रतिशत पर बरकरार
- अप्रैल-जून 2024 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.6 प्रतिशत रखा गया
सीआरआर पर क्या हुआ फैसला
12 अगस्त से बैंकों को 19 मई से 28 जुलाई के बीच अपने एनडीटीएल (Net Demand and Time Liabilities) में वृद्धि पर 10 फीसदी की इंक्रीमेंटल सीआरआर (CRR) बनाए रखना होगा।
बता दें कि कैश रिजर्व रेशियो यानी सीआरआर एक मॉनेटरी पॉलिसी टूल है जिसका उपयोग केंद्रीय बैंकों द्वारा मनी सप्लाई को रेगुलेट करने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
रियल्टी सेक्टर को घरों की मांग बढ़ने की उम्मीद
गंगा रियल्टी के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर के अनुसार रेपो रेट में बदलाव न होने से रियल्टी सेक्टर के लिए बेहतर रुख बरकरार रखा है। इससे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छे नतीजे सामने आएंगे। मुद्रास्फीति की चिंता को दूर करने और इसे 4 फीसदी तक नीचे लाने की आरबीआई की प्रतिबद्धता भी सेक्टर के लिए मददगार होगी।
त्रेहान ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सारांश त्रेहान के अनुसार रियल एस्टेट सेक्टर के लिए ग्रोथ बरकरार रहेगी। घरों की मांग लगातार बढ़ रही है और आरबीआई पॉलिसी रियल एस्टेट एसेट्स में पैसा लगाने की योजना बना रहे खरीदारों के लिए और वैल्यूएबल बना रही है।
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काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
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