Japanese retail investors: चीन से जापान के निवेशकों का हो रहा मोह भंग, भारतीय शेयर बाजार में लगाए 13 हजार करोड़ रुपये

Japanese retail investors: जापानी इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स ने भारत में निवेश बढ़ा लिया है। ट्रस्ट ने भारतीय शेयर बाजार में कुल एसेट्स जनवरी में 11 फीसदी बढ़ाकर 23.7 हजार करोड़ येन (करीब 13.41 हजार करोड़ रुपये) कर दिया है।

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शेयर बाजार

Japanese retail investors: जापान के रिटेल इनवेस्टर्स भारतीय शेयर बाजार में जमकर पैसा लगा रहे हैं और ताबड़तोड़ शेयरों की खरीदारी कर रहे हैं। जापानी निवेशकों ने भारत को अगला चीन मान लिया है। ईटी नाउ के मुताबिक भारतीय शेयरों से जुड़े जापानी इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स ने भारत में निवेश बढ़ा लिया है। ट्रस्ट ने भारतीय शेयर बाजार में कुल एसेट्स जनवरी में 11 फीसदी बढ़ाकर 23.7 हजार करोड़ येन (करीब 13.41 हजार करोड़ रुपये) कर दिया है। पिछले महीने भारतीय शेयरों की तेजी जापान की करेंसी येन से करें तो ये भारतीय शेयरों से जुड़े फंड्स में 14 हजार करोड़ येन (7920.04 करोड़ रुपये) का निवेश आया है।

टैक्स-फ्री इनवेस्टमेंट अकाउंट्स बनी बड़ी वजह

बाकी देशों की तुलना में जापान के खुदरा निवेशकों ने भारत के बाजार में अधिक भरोसा दिखाया है। इसके पीछे का कारण इसी वर्ष शुरू हुए टैक्स-फ्री इनवेस्टमेंट अकाउंट्स रहे हैं। इसके अलावा इकनॉमिक ग्रोथ की थीम के रूप में भारतीय शेयरों को लेकर निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है। यह दिलचस्पी सिर्फ किसी सेक्टर, कंपनियों को लेकर नहीं है बल्कि पूरे भारत के लिए है।

भारतीय शेयरों में जापानी खुदरा निवेशकों के तेजी से निवेश के मुकाबले चाइनीज शेयरों में निवेश 14 उभरते देशों में सबसे तेजी से गिरा। डेटा में रिटेल इनवेस्टर्स और इंस्टीट्यूशनल की पोजिशंस हैं। चीन में प्रॉपर्टी बबल के फूटने और डिफ्लेशन की स्थिति का सामना कर रहा है ऐसे समय में दुनिया के सबसे बड़े क्रेडिटर जापान यह पैसा शिफ्ट कर रहा है।

मार्केट की स्थिति

भारत का निफ्टी 50 इंडेक्स पिछले महीने रुपये के हिसाब से लगभग फ्लैट रहा, लेकिन जापानी मुद्रा की गिरावट के कारण येन के हिसाब से 4.2% ऊपर चढ़ा। येन पर आधारित निवेशकों के लिए शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 3.5% और हैंग सेंग इंडेक्स 5.7% गिर गए। अनुमान है कि भारत की आर्थिक वृद्धि सालाना आधार पर कम से कम 2025 की दूसरी तिमाही तक औसतन 6% से अधिक होगी जबकि इस दौरान चीन की आर्थिक ग्रोथ 5% से नीचे रह सकती है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार जनसंख्या के हिसाब से भारत के पक्ष में भी माहौल है। भारत की जनसंख्या 2050 तक 17% बढ़ने का अनुमान है जबकि चीन में 7.9% की गिरावट आ सकती है।

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आशीष कुशवाहा author

आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजार, ...और देखें

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