T20 World Cup Final: बांह पर काली पट्टी बांधकर मैदान क्यों खेलने उतरी इंग्लैंड की टीम?
इंग्लैंड क्रिकेट टीम रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप के फाइनल मुकाबले पर अपनी बांह में काली पट्टी बांधकर उतरी। ऐसा उन्होंने पूर्व क्रिकेटर और अंडर-15 क्रिकेट प्रतियोगिता बनबरी फेस्टिवल की स्थापना करने वाले डेविड इंग्लिश को श्रद्धांजलि देने के लिए किया।
डेविड इंग्लिश के साथ जोस बटल( साभार Jos Buttler)
मेलबर्न: इंग्लैंड की टीम रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप 2022 के फाइनल में मुकाबले में उतरी तो टीम के खिलाड़ियों की बांह पर बंधे काले आर्म बैंड ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। हर किसी के मन में यह सवाल उठा कि इंग्लैंड की टीम ने बांह पर काली पट्टी बांधकर फाइनल मुकाबले में उतरने का निर्णय क्यों लिया।
इंग्लैंड की टीम ने यह निर्णय 'गॉड फादर ऑफ इंग्लिश क्रिकेट' के नाम से विख्यात डेविड इंग्लिश को श्रद्धांजलि देने के लिए किया है। वो एक लेखक, क्रिकेटर और एक्टर थे। उन्होने इंग्लैंड के क्रिकेट में एक बड़ा योगदान अंडर-15 क्रिकेट प्रतियोगिता बनबरी फेस्टिवल(Bunbury Festival ) की शुरुआत करके दिया। इस स्पर्धा की वजह से किशोर खिलाड़ियों को एक बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला। इस प्रतियोगिता ने इंग्लैंड को 1000 से ज्यादा घरेलू और 125 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर दिए। इसी स्पर्धा से करियर में आगे बढ़ने वाले कुछ खिलाड़ी टी20 विश्व कप 2022 के फाइनल में खेल रही इंग्लैंड की मौजूदा टीम में भी शामिल हैं।
1987 में रखी थी बनबरी फेस्टिवल की नींवडेविड इंग्लिश फाइनल मुकाबले से एक दिन पहले निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हुआ वो 76 साल के थे। साल 1987 में डेविड इंगलिश को ईसीबी के सालाना स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए फंड देने को कहा गया। इसके बदले इस टूर्नामेंट का नाम बदलकर उनकी बच्चों बच्चों की पत्रिका बनबरी टेल्स के नाम पर बनबरी फेस्टिवल रख दिया गया। साल 2019 में आईसीसी विश्व कप जीतने वाली इंग्लैंड की टीम के 10 खिलाड़ी अपने करियर के शुरुआत दिनों में बनबरी फेस्टिवल का हिस्सा रहे थे।
एमसीसी में ग्रांउंड स्टाफ के रूप में किया कामडेविड इंग्लिश का जन्म लंदन में साल 1946 में हुआ था। उनकी परवरिश डेनडन में हुई। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वो मेरिलबोन क्रिकेट क्लब यानी एमसीसी में ग्राउंड स्टाफ के रूप में काम करने लगे। आगे चलकर उन्होंने एमसीसी के लिए क्रिकेट भी खेली। वो डेली मेल में पत्रकार भी थे इसके बाद उन्होंने डेक्का रिकॉर्ड्स के लिए भी काम किया। डेक्का रिकॉर्ड्स में वो प्रेस ऑफीसर थे। उनके कंधों पर रोलिंग स्टोन्स और टॉम जोन्स जैसे कलाकारों की पब्लिसिटी की जिम्मेदारी थी।
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