Budh Pradosh Vrat 2024: कल रखा जाएगा बुध प्रदोष व्रत, जानें लें पूजा मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और उपाय

Budh Pradosh Vrat 2024 Date, Time, Mahatva: मान्यताओं के अनुसार बुध प्रदोष व्रत बच्चों के लिए फायदेमंद होता है। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है। यहां जानें बुध प्रदोष व्रत का महत्व और मुहूर्त।

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Budh Pradosh Vrat 2024

Budh Pradosh Vrat 2024 Date, Time, Mahatva: हर महीने के त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है। जब ये व्रत बुधवार के दिन पड़ता है तो इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है। मान्यताओं अनुसार बुध प्रदोष व्रत में जो व्यक्ति भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है उसके जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही संतान के जीवन में भी खुशहाली भी बनी रहती है। जानिए बुध प्रदोष व्रत के फायदे और मुहूर्त।

बुध प्रदोष व्रत मुहूर्त (Budh Pradosh Vrat Muhurat 2024)

21 फरवरी को बुध प्रदोष व्रत रखा जाएगा। ये माघ महीने के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत होगा। जिसकी शुरुआत 21 फरवरी की सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर होगी और समाप्ति 22 फरवरी की दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार प्रदोष व्रत 21 फरवरी को रखा जाएगा।

प्रदोष काल समय (Pradosh Kaal Time Today)

21 फरवरी को प्रदोष काल समय शाम 6 बजकर 15 मिनट से रात 8 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं अनुसार प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है।

बुध प्रदोष व्रत का महत्व (Budh Pradosh Vrat Ka Mahatva)

बुध प्रदोष व्रत को अन्य प्रदोष व्रत की तुलना में काफी प्रभावशाली माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि बुध प्रदोष व्रत रखकर आप जीवन में आने वाली सभी मुसीबतों से निजात पा सकते हैं। इतना ही नहीं इस व्रत के प्रभाव से बुध ग्रह भी मजबूत हो जाता है। इसलिए इस दिन शिव शंकर भगवान की विधि विधान पूजा जरूर करनी चाहिए। संतान प्राप्ति के लिए भी बुध प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना जाता है।

बुध प्रदोष व्रत के फायदे (Budh Pradosh Vrat Ke Fayde)

बुध प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सभी तरह की सुख सुविधाएं प्राप्त होती हैं। साथ ही आर्थिक स्थिति भी बेहतर होती चली जाती है। इसके अलावा लंबी आयु का वरदान प्राप्त भी होता है। इतना ही नहीं ये व्रत रोग और बीमारियों से छुटकारा दिलाता है और कर्ज तक से मुक्ति दिला देता है।

बुध प्रदोष व्रत पूजा विधि (Budh Pradosh Vrat Puja Vidhi)

बुध प्रदोष व्रत के दिन सुबह के समय नहा धोकर भगवान शिव के मंदिर में जरूर जाएं और वहां जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। इसके अलावा इस दिन पंचामृत और पंचमेवा भगवान शिव को जरूर अर्पित करें। ध्यान रखें कि शिव भगवान की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल नहीं करना है। इसके बाद इस दिन शाम में प्रदोष काल के समय शिव शंकर की विधि विधान पूजा करें। प्रदोष व्रत की कथा सुनें और अंत में शिव जी की आरती उतारकर पूजा संपन्न करें।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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