Chanakya Niti For Success: सफलता को भी असफलता में बदल देती है ये आदतें, आज ही कर दें परित्‍याग

Chanakya Neeti in Hindi: आचार्य चाणक्‍य ने सफलता और असफलता में फर्क बताते हुए असफलता का कारण भी बताया है। आचार्य कहते हैं कि जीवन व कार्य में सफलता हासिल करने के लिए व्‍यक्ति को कई नियमों का सख्‍ती से पालन करना होता है। जो व्‍यक्ति लापरवाही व आलस्‍य करते हैं, वे कभी भी सफल नहीं हो पाते हैं।

Chanakya formula for success

सफलता को भी असफलता में बदल देती हैं ये गलत आदतें, आज ही छोड़े

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • देर तक सोने वाले व्‍यक्ति को नहीं मिलती सफलता
  • अनुशासन हीनता व्‍यक्ति से सफलता को कर देती है दूर
  • बीमार व्‍यक्ति का ज्‍यादातर समय इलाज में होता है बर्बाद

Chanakya Neeti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्‍त्र में जीवन की गहराई के बारे में विस्‍तार से बताया है। आचार्य कहते हैं कि, जीवन में सफल वही व्‍यक्ति हासिल करता है, जो समय और अनुशासन के साथ नैतिक मूल्‍यों का भी अपने जीवन में पालन करता है। अनुशासन जहां लोगों को बेहतर जीवन जीने का सलीका सीखाता है, वहीं समय लोगों को कार्य का पाबंद बनाता है। जो लोग अनुशासन में रहकर और समय के महत्‍व को समझते हुए कार्य योजना बनाते हैं वे हमेशा सही दिशा में आगे बढ़ते हैं। ऐसे लोगों को सफल अपने आप मिलने लगती है। आचार्य चाणक्‍य कि, जो लोग समय और अनुशासन के महत्‍व को नहीं समझते वे सफल नहीं रहते। आचार्य ने असफलता की खास निशानी बताई है।

देर तक सोना

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सुबह देर तक सोना न तो स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होता है और न ही कार्य के लिए। जो व्‍यक्ति सुबह सूरज की पहली किरण के साथ बिस्तर को त्याग देता है, वह अपने सभी कार्यों को आसानी से पूरा कर लेते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन में सफल रहते हैं। वहीं देर तक सोने वालों को सफलता नहीं मिल पाती है।

स्‍वास्‍थ्‍य की लापरवाही

आचार्य चाणक्य के अनुसार स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं होना असफलता की सबसे बड़ी निशानी है। ऐसे लोग हर समय कई तरह के रोगों से घिरे रहते हैं। इनका समय बीमारी का इलाज करने में ही निकल जाता है। ऐसे लोगों को सफलता नहीं मिल पाती। इसलिए हर व्‍यक्ति को अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति हमेशा सजग रहना चाहिए।

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कड़वी वाणी बोलाना

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दूसरों से कड़वी वाणी बोलाना भी असफलता की निशानी है। ऐसे लोग अपनी कड़वी जुबान के कारण किसी भी कार्य क्षेत्र में सफल नहीं पाते। इन्‍हें घर, ऑफिस से लेकर समाज तक में असफलता ही मिलती है। इसलिए व्‍यक्ति को हमेशा लोगों के साथ मधुर वाणी में ही बातचीत करनी चाहिए।

अनुशासन हीनता

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अनुशासन में न रहने वाला व्‍यक्ति कभी भी सफल नहीं हो पाता है। अनुशासित किसी भी व्‍यक्ति को पूरी तरह से बर्बाद कर सकता है। अनुशासन जहां व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्‍साहित करता है, वहीं अनुशासन हीनता इससे रोकती है। अनुशासन हीनता से जीवन जीने में सिर्फ असफल ही आती है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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