Covid Vaccination से हुई मौतों पर केंद्र का 'जवाबदेही' लेने से इन्कार, कहा- हमें नहीं ठहराया जा सकता जिम्मेदार

Covid Vaccination in India: दरअसल, कोरोना टीकाकरण के बाद कथित रूप से प्रतिकूल प्रभावों से दो लड़कियों की मौत के मामले में उनके माता-पिता की याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल किया गया। इसमें दावा किया गया कि तीसरे पक्षों की ओर से निर्मित टीकों की सफल नियामक समीक्षा हो चुकी है और सरकार को मुआवजे के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया कानून सम्मत नहीं है।

Covid Vaccination in India: कोरोना टीकाकरण की वजह से हुई कथित मौतों को लेकर केंद्र सरकार ने कोई जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका के जवाब में केंद्र ने कहा है कि मृतकों और उनके परिवारवालों के प्रति सरकार की संवेदनाएं हैं लेकिन वैक्सीन से होने वाली वाली मौत के लिए सरकार मुआवजा नहीं दे सकती है।

सरकार के जवाब में क्या है?

  1. सरकार देश की जनता की भलाई के लिए लोगों को कोविड का टीका लेने के लिए प्रोत्साहित ज़रूर करती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं वैक्सीन लगवाना क़ानूनी रूप से जरूरी है।
  2. किसी व्यक्ति पर वैक्सीन के साइड इफेक्ट के लिए सरकार की कोई जिम्मेदार नहीं है।
  3. वैक्सीन से जुड़ी सारी जानकारियां इनको बनाने वाली कंपनियों और सरकार ने पब्लिक डोमेन में उपलब्ध करा रखी है। ऐसे में ये सवाल उठना गलत है कि वैक्सीन का टीका लगवाने के लिए अपनी सहमति देने वाले को इसकी पूरी जानकारी ही न हो।
  4. टीकाकरण में कमी के चलते हुई मौत के मुआवजे या हर्जाने के लिए याचिकाकर्ता मौजूदा कानून के मुताबिक सिविल कोर्ट जा सकते हैं। परिवार की मुआवजे की मांग को खारिज करते हुए सरकार ने कहा कि लापरवाही को लेकर ऐसे हर मामलों को उसकी परिस्थितियों के आधार पर आंका जाएगा।
  5. इस साल 19 नवंबर तक 219.86 करोड़ लोगों को कोरोना से बचाव का टीका लगा है। इतने बड़े आंकड़े में से सिर्फ 92114 मामलों में ही में साइड इफेक्ट नज़र आया है। इनमे से 89, 332 केस में मामूली असर वाले और सिर्फ 2782 लोगों में गम्भीर समस्या के लक्षण दिखाई दिए।

क्या थी याचिकाकर्ताओं की मांग?

कोविशील्ड वैक्सीन लगाने के बाद अपनी बेटियों की जान गंवाने वाले दो माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर मांग कि थी कि कोविड टीकाकरण से हुई मौत के मामलों की स्वतंत्र जांच कराई जाए। इसके अलावा टीकाकरण के बाद किसी भी प्रतिकूल प्रभाव का समय रहते पता लगाकर उससे बचाव के उपाय करने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा बोर्ड बनाने का आग्रह किया गया था। साथ ही ऐसे मौत के मामलों में सरकार से मुआवजा दिलाए जाने की मांग भी की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय को नोटिस दिया था।

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गौरव श्रीवास्तव author

टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पेंच से जुड़ी हर खबर आपको इस जगह मिलेगी। साथ ही चुना...और देखें

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