श्रद्धा वाकर,आफताब और पानी के बिल का कनेक्शन, जानें क्या है मामला

श्रद्धा वाकर हत्याकांड में अब पानी के बिल का मामला भी सामने आ रहा है। यहां हम बताएंगे कि आफताब, श्रद्धा और पानी के बिल में क्या कनेक्शन है।

मुख्य बातें
  • 18 मई 2022 को श्रद्धा वाकर की हुई थी हत्या
  • आरोपी आफताब, दिल्ली पुलिस के कब्जे में
  • आफताब ने श्रद्धा के शव के किए थे 36 टुकड़े

श्रद्धा वाकर हत्याकांड केस में आरोपी आफताब दिल्ली पुलिस के कब्जे में है। सबूतों के तौर पर पुलिस के पास हड्डियां हैं। पुलिस के मुताबिक हड्डियों की फॉरेंसिक जांच के बाद तय हो पाएगा कि वो श्रद्धा की हैं या किसी जानवर की। इन सबके बीच व्हाट्सऐप चैट, श्रद्धा के खाते से पैसों के ट्रांसफर के बीच पानी की बिल भी एक महत्वपूर्ण साक्ष्य के तौर पर सामने आ रहा है। पुलिस का कहना है कि इसके जरिए जांच को और मजबूती मिल सकती है। दरअसल आफताब ने अपने बयान में कहा है कि जिस समय उसने श्रद्धा के गले को दबाया और उसके शव के टुकड़े कर रहा था पानी के टैब को खुला छोड़ा था। इस तरह की जानकारी से बाद इस केस में नया टर्न आ गया है।

आफताब हर दिन बदल रहा है बयान

बता दें कि आरोपी आफताब हर दिन अपने बयान को बदल रहा है। उसने दिल्ली पुलिस को फिर नई बात बताई है। आफताब ने पूछताछ में बताया कि उसकी एक नहीं दो नहीं बल्कि 20 से ज्यादा महिला मित्र रही हैं।हर महिला मित्र से संपर्क करने के लिए वह नया सिम इस्तेमाल करता था।महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक उसकी 20 से ज्यादा गर्लफ्रेंड रही हैं। सिर्फ अपने नाम पर ही नहीं बल्कि कई अन्य लोगों के नाम पर भी उसने सिम कार्ड लिए थे। ज्यादातर महिलाएं उसके संपर्क में डेटिंग एप से आई थी। श्रद्धा की हत्या के बाद पुराना मोबाइल फोन आरोपी ने ओएलएक्स पर बेचा था।

पानी का बिल 300 रुपए, बन सकता है अहम साक्ष्य

पुलिस का मानना है कि पानी का बिल जोकि 300 रुपए आया है वो कई तरह के सवाल इसलिए खड़ा करता है कि क्योंकि दिल्ली में एक निश्चित सीमा तक पानी के इस्तेमाल पर किसी तरह का बिल नहीं आता है। यह एक साक्ष्य है जिसके आधार पर पूरी पहेली को सुलझाने में मदद मिल सकती है। दरअसल पुलिस के सामने आफताब ने जितने भी बयान दिए हैं वो अदालत में तब तक मान्य नहीं होंगे जब तक उन्हें पुख्ता करने के लिए साक्ष्य ना हों।आफताब पूनावाला ने जिस फ्लैट को हत्याकांड से तीन दिन पहले किराये पर लिया था उसके केयरटेकर का कहना है कि पानी के बिल का भुगतान नहीं किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केयरटेकर का कहना है कि पानी के बिल का आना अचंभा करने वाला है। उस मकान के दूसरे फ्लोर पर रहने वाले किराएदारों का कभी भी पानी का बिल नहीं आया। दरअसल दिल्ली सरकार द्वारा जो 20 हजार यूनिट पानी के उपभोग पर किसी तरह का शुल्क नहीं देना है। हालांकि अभी साफ नहीं है कि बिल्डिंग में सभी फ्लैट का वाटर कनेक्शन एक है या अलग। 300 रुपए पानी के बिल का मतलब यह है कि करीब 18 हजार लीटर पानी इस्तेमाल में लाया गया होगा।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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