Kanpur: इस बार ज्यादा तपिश के कारण समय से पहले ही पक जाएंगी फसलें! कानपुर में मौसम विभाग ने जताया ये अनुमान

Kanpur Weather Update: कानपुर में इस बार अधिक तपिश के कारण समय से पहले ही फसलें पक सकती हैं। कानपुर में मार्च माह में ही 40 पारा पहुंच सकता है। रात-दिन के तापमान में इस साल की शुरुआत में 20 से 23 डिग्री का अंतर आ गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले साल मार्च में अधिकतम तापमान 39 डिग्री से ज्यादा था। इस बार इसके 40 डिग्री सेल्सियस पार करने के आसार हैं।

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इस बार मार्च में पड़ेगी भीषण गर्मी (फाइल फोटो)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • कानपुर में मार्च महीने में ही 40 पहुंच सकता है पारा
  • इस बार अधिक तपिश से समय से पहले ही पक सकती हैं फसल
  • तापमान में लगातार हो रही है बढ़ोतरी

Kanpur Weather Update: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में पिछले साल मार्च से आया मौसम में परिवर्तन इस वर्ष अभी से जोर पकड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन को लेकर कृषि मौसम वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है। इसके मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के असर से इस साल मार्च में ही अधिकतम तापमान 40 डिग्री पहुंचने के आसार हैं। ऐसे में इस सीजन की फसलें (गेहूं) फोर्स मेच्योरिटी का शिकार हो सकती हैं, यानि समय से पहले पक सकती हैं। ऐसे में फसलों का उत्पादन प्रभावित होने की भी संभावना है। अध्ययन के मुताबिक, पृथ्वी के तापमान में कंटिन्यू हो रही बढ़ोतरी इसका प्रमुख कारण है।

कानपुर स्थित सीएसए विश्वविद्यालय ने मौसम के बदलते चक्र को लेकर जो रिचर्स किया है उसके मुताबिक, पिछले पांच दशक के इतिहास में इतना उतार-चढ़ाव मौसम में नहीं देखा गया। परिवर्तन का सबसे अधिक असर दिन और रात के तापमान में आने वाला अंतर है। यह अंतर फसलों के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहा है।

इस बार तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार करने की संभावना सीएसए विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन पांडेय के मुताबिक, सामान्य निर्धारित मात्रा के अनुसार रात और दिन के तापमान में 10 से 12 डिग्री का अंतर रखा है। लेकिन पिछले साल मार्च से लेकर अब तक यह अंतर 20 से 23 डिग्री सेल्सियस तक आ गया है। यह अंतर अभी और बढ़ने के आसार हैं। डॉ. पांडेय के मुताबिक, पिछले साल मार्च में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया था। इस बार इसके 40 डिग्री सेल्सियस पार करने की संभावना दिख रही है।

मौसम में उतार-चढ़ाव का अध्ययन पहली बारसीएसए के कृषि विशेषज्ञ डॉ. एसएन पांडेय के अनुसार, पहली बार इस सीजन में मौसम में उतार-चढ़ाव का अध्ययन किया जा रहा है। मौसम में उतार-चढ़ाव असमय सर्दी-गर्मी और बारिश के ट्रेंड ने फ्यूचर में बड़े परिवर्तन के संकेत दिए हैं। किसानों पर इसका सीधा असर भी पड़ रहा है। वैज्ञानिकों को माने तो ऐसे मौसम से लगातार फसलों की लागत बढ़ती जा रही है।

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