5G: 1 अक्टूबर को पीएम मोदी देंगे सौगात, जानें 5G के बारे में हर डिटेल

5G Service: 1 अक्टूबर से भारत में 5G सर्विसेस रोलआउट होंगी। 1 अक्टूबर से 4 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले इंडियन मोबाइल कांग्रेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉन्च करेंगे।

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5G Service: 1 अक्टूबर को पीएम मोदी देंगे सौगात, जानें 5G के बारे में हर डिटेल

मुख्य बातें
  • 1 अक्टूबर से भारत में 5G युग की होगी शुरुआत
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी IMC में करेंगे लॉन्च
  • कंपनियों का अगले 2 साल में पूरे भारत में 5G पहुंचाने का लक्ष्य

नई दिल्ली। जल्द ही देश में 5G युग की शुरुआत होने वाली है, 1 अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इंडियन मोबाइल कांग्रेस (Indian Mobile Congress) में 5G सर्विस को लॉन्च करेंगे। IMC का आयोजन 1 अक्टूबर से 4 अक्टूबर तक दिल्ली में होगा।

क्या है 5G नेटवर्क?

5G नेटवर्क में G का मतलब है जेनरेशन यानी कि 5वीं जेनरेशन (5th Generation) की मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी है। इसमें 3 फ्रिक्वेंसी बैंड होते हैं- लो फ्रिक्वेंसी, मीडियम और लार्ज फ्रिक्वेंसी बैंड्स। 5G नेटवर्क के जरिए यूजर्स को तेज इंटरनेट स्पीड और अच्छी कॉलिंग क्वालिटी मिलेगी। 4G के मुकाबले 5G नेटवर्क 20 गुना ज्यादा तेज होगा। 5G के आने से विभिन्न सेक्टर्स में कई बड़े बदलाव आने की संभावना है। एक तरह से कहें तो एक नई डिजिटल क्रांति का शुरुआत हो जाएगी।

टेलीकॉम कंपनियों की 5G तैयारी

देश में 5G जल्द ही लॉन्च होने वाला है जिसके मद्देनजर रिलायंस जियो (Reliance Jio) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है। हालांकि वोडाफोन-आइडिया (Vodafone Idea) के 5G सर्विस लॉन्च को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। जियो का दिसंबर 2023 तक और एयरटेल का मार्च 2024 तक पूरे भारत में 5G पहुंचाने का लक्ष्य है।

आपको बता दें कि जियो और एयरटेल, इन दो टेलीकॉम प्रतिद्वंदीयों ने हाल ही की स्पेक्ट्रम नीलामी में बढ़-चढ़कर बोली लगाई थी। नीलामी में जियो ने लगाई थी सबसे बड़ी बोली।

क्या होगी 5G प्लान की कीमत?

4G के आस-पास ही होगी 5G प्लान की कीमत, ET Telecom की एक खबर के मुताबिक एक्सपर्ट्स का मामना है कि शुरुआत में लगभग 4G के बराबर ही होंगी 5G प्लान की कीमतें, ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनियां चाहती हैं कि ज्यादा से ज्यादा ग्राहक 4G से 5G की ओर शिफ्ट हों, ज्यादा डाटा की खपत हो और ARPU को बूस्ट मिले। ऐसे में अगर 5G कनेक्शन का प्लान 4G से बहुत ज्यादा रहेगा तो लोग नए नेटवर्क को जल्द नहीं अपनाएंगे। कुल मिलाकर संभावना यही है कि कंपनियां ग्राहकों के लुभाने के लिए शुरुआत में 5G प्लान को सस्ता ही रखेंगे।

कैसे अलग है भारत?

एशिया प्रांत में भारत एक ऐसा देश हैं जहां मोबाइट डाटा सबसे सस्ती कीमत पर उपलब्ध है। हाल ही में कंपनियों ने डाटा की कीमतों में वृद्धि की थी बावजूद इसके अन्य देशों के मुकाबले भारत में डाटा सस्ते दर पर ही मिल रहा है।

भारत में अभी भी 2G ग्राहकों की संख्या काफी बड़ी है। आकड़ों के अनुसार यह संख्या करीब 23-25 करोड़ है, जो पूरे भारत के कुल टेलीकॉम ग्राहकों के 25% है। ऐसे में इतनी बड़ी जनसंख्या को 5G नहीं बल्कि 4G पर शिफ्ट होने में काफी समय लगेगा, जो कंपनियों के लिए भी एक बड़ी चुनौती होगी।

Jio Vs Airtel Vs Vi: कौन कितना दमदार?

रिलायंस जियो: जियो भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री की सबसे नई कंपनी है। जियो ने 2016 में इंडस्ट्री में कदम रखा था। आज जियो सबसे ज्यादा ग्राहकों के साथ देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन गई है। जियो का पूरी तरह से 4G यूजर बेस है। कंपनी करीब 42 करोड़ सब्सक्राइबर और 36% मार्केट शेयर के साथ टॉप पर है। कंपनी का कर्ज मुक्त बैंलेंस शीट और मजबूत कैशफ्लो है। जियो के पास पूरे भारत में पर्याप्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध है। मुनाफे के मामले में भी जियो भारत में सबसे आगे है।

भारती एयरटेल: एयरटेल देश की सबसे पुरानी और बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में से एक है। एयरटेल के पास दूसरी कंपनियों से कम 2G ग्राहक हैं। कंपनी का करीब 36 करोड़ ग्राहकों के साथ 32% मार्केट पर कब्जा है। एयरटेल का स्टेबल बैलेंसशीट और मजबूत कैशफ्लो है और जियो की तरह ही इनके पास भी पूरे भारत में पर्याप्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध है।

वोडाफोन-आइडिया: कंपनी का यह नाम वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्यूलर के मर्जर के बाद पड़ा। जियो को टक्कर देने के लिए दोनों कंपनियां साथ आईं थी। कंपनी के पास सबसे ज्यादा 2G ग्राहकों का बेस है। कंपनी करीब 26 करोड़ सब्सक्राइबर के साथ 22% मार्केट पर पकड़ रखती है। कंपनी की बैलेंसशीट और कैशफ्लो काफी कम है। Vi के पास सीमित स्पेक्ट्रम (22 में से 17 सर्किल में) है।

एक नजर टेलीकॉम सेक्टर के अतीत पर

आमतौर पर मजबूत बैलेंसशीट वाले ऑपरेटर जल्द बदलाव अपनाते हैं। जल्द बदलाव का सबसे बड़ा फायदा इन ऑपरेटर्स को मार्केट शेयर में मिलता है। 2013 से 2016 में Airtel, Vodafone, Idea को बदलाव से बढ़त मिली थी, क्योंकि इन ऑपरेटर्स की 3G/4G में लीडरशिप थी। 2016 से 4G में लीडरशिप के चलते जियो को बढ़त मिली। अब कंपनियों के पास 5G से मार्केट शेयर में बढ़त का बड़ा मौका है।

5G पर दिग्गजों की राय

ET Now ने 5G पर कई दिग्गजों का नजरिया जानने कि कोशिश की। फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) के सीनियर डायरेक्टर (कॉरपोरेट्स), नितिन सोनी का मानना है कि 5G की कीमत 4G से थोड़ी अधिक हो सकती है। उन्हे 5G के लॉन्च के साथ प्राइस वॉर की उम्मीद नहीं लग रही। उन्होने ये भी कहा कि 5G में RoI में समय लगेगा, लेकिन पहले से बेहतर होगा।

वहीं खास बातचीत के दौरा लावा इंटरनेशनल (Lava International) के प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड, सुनील रैना ने कहा कि उन देशों में शिपमेंट का स्तर 80% से ऊपर चला गया है जहां 5G है और अगले 1 वर्ष में शिपमेंट मौजूदा समय में 30% से बढ़कर 50% हो जाएगा। उनका यह भी मानना है कि 4G से 5G माइग्रेशन तेजी से होगा।

(सुजीत शर्मा की रिपोर्ट)

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