हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप: फंड जुटाने से लेकर बिजनेस में तेजी, निवेशकों को बढ़ी उम्मीद

Post Hindenburg Report Adani Group Grows Leap And Bounds:इमर्जिंग मार्केट के प्रमुख निवेशक राजीव जैन ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। जैन ने इस निवेश पर कहा है कि उन्होंने इसलिए पैसा लगाया क्योंकि वह अडानी ग्रुप के इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्तियों में बड़ी संभावनाएं देखते हैं।

gautam adani

गौतम अडानी

Post Hindenburg Report Adani Group Grows Leap And Bounds:अरबपति गौतम अडानी को जब इंफ्रास्ट्रक्चर, कोयला उत्पादन से लेकर बिजली क्षेत्र में अपार सफलताएं मिल रही थीं, उनका हर दांव ट्रंप कार्ड साबित हो रहा था। और उनका पूरे भारत में इन सभी सेक्टर में दबदबा छाया हुआ था। उसी दौरान जनवरी में अडानी ग्रुप पर शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की आई रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े कर दिए। अचानक आई इस रिपोर्ट से बाजार में हलचल पैदा हो गई, उस आधार पर नियमाकीय जांच भी शुरू कर दी गई। ऐसे में यह अनुमान लगाए जाने लगे थे कि अडानी ग्रुप अब वापसी नहीं कर पाएगा। लेकिन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए अडानी ग्रुप ने , न केवल वापसी की छलांग लगाई बल्कि उसने खुद को आगे भी बढ़ाया। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों ने बाजार से अरबों रूपये जुटाए। इसके अलावा उसने कई कर्ज भी चुका डाले। साथी ही अब वह नए कर्ज के लिए भी बात कर रहा है।

अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेशक राजीव जैन ने किया निवेश

इमर्जिंग मार्केट के प्रमुख निवेशक राजीव जैन ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। जैन ने इस निवेश पर कहा है कि उन्होंने इसलिए पैसा लगाया क्योंकि वह अडानी ग्रुप के इंफ्रास्ट्रक्चर संपत्तियों में बड़ी संभावनाएं देखते हैं।

कई सेक्टर में अडानी सबसे बड़े प्लेयर

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट और सरकार के आंकड़ों के अनुसार, अडानी ग्रुप भारत के जिन प्राइवेट सेक्टर में कारोबार कर रहा है। उसमें से अधिकतर में ग्रुप की बाजार हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है।

  • 140 करोड़ आबादी वाले इस देश में अडानी ग्रुप की कंपनी सभी शिपिंग कंटेनरों का लगभग 43 फीसदी हिस्सा संभालती है।
  • प्राइवेट थर्मल पावर क्षमता का लगभग 22 फीसदी, सोलर और पवन संयंत्रों की सबसे बड़ी संख्या अडानी ग्रुप के पास है।
  • प्राइवेट क्षेत्र में बिजली ट्रांसमिशन की 51 फीसदी हिस्सेदारी अडानी ग्रुप के पास है।
  • अडानी ग्रुप के एयरपोर्ट सालाना करीब 7.5 करोड़ लोगों के ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा मुहैया कराते हैं।
यह आंकड़े खुद ही अडानी ग्रुप की बंदरगाह से लेकर बिजली क्षेत्र तक में क्षमता को बताते हैं।

अडानी पोर्ट और SEZ

अब तक, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड के पूरे भारत में 14 बंदरगाह हैं। भारत के अलावा अडानी ग्रुप के पास श्रीलंका, इजरायल और ऑस्ट्रेलिया में भी टर्मिनल हैं।

पॉवर सेक्टर में सबसे अहम बात यह है कि जहां सरकार के पास देश के कुल इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड का 91 फीसदी नियंत्रण है। वहां भी अडानी ग्रुप ने अवसर को भुनाते हुए सरकार से कई कांट्रैक्ट हासिल किए हैं।

अडानी ग्रुप ने अरबों रुपये जुटाए

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद न केवल अडानी ग्रुप की कंपनियों ने बाजार से अरबों रूपये जुटाए बल्कि उसने कर्ज को भी चुकाया है। इसके अलावा वह नए कर्ज के लिए वित्तीय संस्थानों भी बात कर रहा है।

कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए पैनल की मई में आई अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे अडानी ग्रुप के संबंध में प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन से संबंधित कोई नियामकीय विफलता नहीं मिली है।

भारत के पूंजी बाजार नियामक को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई 14 अगस्त की डेडलाइन तक अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।

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