हर भारतीय इस कंपनी का यूज कर चुका है प्रोडक्ट, अंग्रेजों की जड़ों से निकल ऐसे खड़ी हुई 5.6 लाख करोड़ की ITC
History And Success Story Of ITC: इंपीरियल टोबैको कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड ( जो आज ITC है) की शुरुआत ब्रिटिश-अमेरिकन टोबैको कंपनी की सब्सिडियरी कंपनी के रूप में की गई थी।
आईटीसी का इतिहास और सफलता की कहानी
- 1910 में शुरू हुई थी ITC
- समय के साथ अलग-अलग सेक्टरों में पाई कामयाबी
- शुरू में तंबाकू बिजनेस पर था फोकस
History And Success Story Of ITC: अधिकतर भारतीयों ने कभी न कभी निश्चित रूप से अपने डेली लाइफ जीवन में आईटीसी (ITC) के किसी न किसी प्रोडक्ट को यूज किया होगा। आईटीसी जितनी बड़ी कंपनी है, उतने ही अधिक इसके ब्रांड हैं।
अकसर लोगों को पता नहीं होता कि वे जिस ब्रांड का यूज कर रहे हैं, उसकी ओनर या पैरेंट कंपनी कौन सी है। इसी तरह आईटीसी के ब्रांड्स के बारे में भी कम ही लोगों को पता होगा। आईटीसी के ब्रांड्स में क्लासमेट्स कॉपी (नोटबुक), बिंगो चिप्स, एंगेज डिओडोरेंट, गोल्ड फ्लैक सिगरेट और होटल चेन शामिल हैं। खास बात यह है कि आईटीसी अंग्रेजों द्वारा की गई एक तंबाकू कंपनी से निकली है। जबकि आज तंबाकू प्रोडक्ट्स के अलावा आईटीसी कई सेक्टरों में कामयाबी हासिल कर चुकी है।
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1910 में हुई शुरुआत
इंपीरियल टोबैको कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड ( जो आज ITC है) की शुरुआत ब्रिटिश-अमेरिकन टोबैको कंपनी (British-American Tobacco Company) की सब्सिडियरी कंपनी के रूप में की गई। समय के साथ कंपनी की ओनरशिप का भारतीयकरण होता गया। यानी इस पर भारतीयों की ओनरशिप बढ़ी।
1970 में कंपनी का नाम बदलकर इंडिया टोबैको कंपनी लिमिटेड और फिर 1974 में आई.टी.सी. कर दिया गया। 18 सितंबर, 2001 को कंपनी के नाम में से फुल स्टॉप भी हटा दिए गए और ये आईटीसी बन गई।
1926 में खरीदी जमीन
कंपनी की शुरुआत हल्की रही। कोलकाता के राधा बाजार लेन पर एक लीज पर लिया गया ऑफिस कंपनी का शुरुआती हेडक्वार्टर था। 24 अगस्त, 1926 को 310,000 रुपये में 37, चौरंगी, (अब इसका नाम बदलकर जे.एल. नेहरू रोड) कोलकाता में स्थित जमीन खरीदकर कंपनी ने अपना 16वां जन्मदिन मनाया।
दो साल बाद इसी जमीन पर कंपनी का मुख्यालय भवन, 'वर्जीनिया हाउस', बना, जो कोलकाता के सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक बन गया।
पैकेजिंग और प्रिंटिंग
शुरुआत के बाद पहले छह दशक तक आईटीसी मुख्य रूप से सिगरेट और लीफ तंबाकू बिजनेस में लगी रही। 1925 में आईटीसी ने पैकेजिंग और प्रिंटिंग बिजनेश शुरू कर लिया था, जो सिगरेट बिजनेस के लिए ही एक इंटीग्रेशन के तौर पर शुरू किया गया था।
1975 में होटल कारोबार शुरू
1975 में,आईटीसी ने चेन्नई में एक होटल को खरीदने के साथ अपना होटल बिजनेस शुरू किया, जिसका नाम बदलकर 'आईटीसी-वेलकमग्रुप होटल चोल' रखा गया था। आज आईटीसी के पास छह अलग-अलग ब्रांड्स में 80 लोकेशनों पर 115 से अधिक होटल हैं। अब कंपनी अपने होटल बिजनेस को अलग करने जा रही है।
1979 में पेपरबोर्ड और स्पेशियलिटी पेपर्स
1979 में, आईटीसी ने आईटीसी भद्राचलम पेपरबोर्ड्स लिमिटेड को प्रमोट करके पेपरबोर्ड बिजनेस में एंट्री की। 13 मार्च 2002 को भद्राचलम पेपरबोर्ड्स का आईटीसी में विलय हो गया और यह कंपनी का एक पेपरबोर्ड्स डिवीजन बन गया। नवंबर 2002 में, पेपरबोर्ड और स्पेशलिटी पेपर्स डिवीजन बनाने के लिए इस डिवीजन का कंपनी के ट्रिबेनी टिश्यू डिवीजन के साथ विलय किया गया।
2004 में, ITC ने तमिलनाडु के कोयंबटूर के पास बिल्ट इंडस्ट्रियल पैकेजिंग कंपनी लिमिटेड (BIPCO) की पेपरबोर्ड निर्माण फैसिलिटी को खरीद लिया।
विदेश में कारोबार और कपड़ों का बिजनेस
1985 में, आईटीसी ने भारत-नेपाल और ब्रिटिश जॉइंट वेंचर के रूप में नेपाल में सूर्या टोबैको कंपनी की स्थापना की। अगस्त 2002 में, सूर्या टोबैको आईटीसी लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी बन गई और इसका नाम बदलकर सूर्या नेपाल प्राइवेट लिमिटेड (सूर्य नेपाल) कर दिया गया। 2004 में, कंपनी ने टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट में कदम रखा।
एग्री बिजनेस डिविजन
1990 में, अपनी कृषि-सोर्सिंग क्षमता का लाभ उठाते हुए, आईटीसी ने कृषि-वस्तुओं के निर्यात के लिए कृषि बिजनेस सेगमेंट की स्थापना की। यह सेगमेंट आज भारत के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है।
2002 में स्टेशनरी बिजनेस की शुरुआत
आईटीसी ने 2002 में ब्रांड पेपरक्राफ्ट के तहत नोटबुक की प्रीमियम रेंज की लाइन लॉन्च की। नोटबुक की क्लासमेट रेंज 2003 में लॉन्च की गई। पिछले कुछ वर्षों में क्लासमेट भारत का सबसे बड़ा नोटबुक ब्रांड बन गया है।
ये हैं बाकी बिजनेस
आईटीसी ने 2000 में आईटी सेक्टर में कदम रखते हुए आईटीसी इंफोटेक इंडिया लिमिटेड की शुरुआत की
2001 में ब्रांडेड पैकेज्ड फूड बेचना शुरू किया
2002 में कंपनी ने अगरबत्ती और माचिस का कारोबार शुरू किया
2005 में इसने पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की शुरुआत की
कितनी है मार्केट कैपिटल
इस समय बीएसई (BSE) पर आईटीसी की मार्केट कैपिटल 5.59 लाख करोड़ रु है। इसके प्रमुख ब्रांड्स में आशीर्वाद आटा, सनफीस्ट, यिप्पी नूडल्स, बिंगो चिप्स, टेढ़े-मेढ़े आलू भूजिया, कैंडीमैन और फार्मलैंड शामिल हैं।
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