मुकेश ने बताया अपना फ्यूचर प्लान, अब यहां पर दुनिया देखेगी अडानी-अंबानी की टक्कर

Mukesh Ambani Future Plan: अंबानी की नजर एनर्जी सेक्टर में भी है। रिलायंस नवीकरणीय ऊर्जा, भंडारण और हाइड्रोजन में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है, जिसमें कंपनी का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ी ग्रीन एनर्जी डिवाइस'गीगा-कॉम्प्लेक्स' और 100-गीगावाट क्षमता वाली होगी।

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मुकेश अंबानी

Mukesh Ambani Future Plan: मुकेश अंबानी उन अरबपतियों में हैं जिन्होंने सबसे कम समय में भारत के सबसे बड़े रेटेल और टेलीकॉम ऑपरेटर के रूप के खुद की एक अलग पहचान बनाई है। साथ ही इन बिजनेस को ऊंचाई पर पहुंचाया है। इन बिजनेस में शानदार सफलता के बाद अब मुकेश अंबानी की नजर फाइनेंशियल सेक्टर में जम गई है। वह इसे भी अपने जियो और रिलायंस फ्रेश, रिलायंस डिजिटल जैसे प्लेटफॉर्म की तरह ही लोकप्रिय और इससे मुनाफा कमाना चाहते हैं। यही वजह है कि रिलायंस ने अब जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (जेएफएसएल) को रिलायंस से डिमार्ज करके इसे देश के सबसे बड़े नॉन-बैंकिंग लोन देने वाले बिजनेस के रूप में आगे बढ़ाना चाहते हैं।

एनर्जी सेक्टर में मिल सकती है कड़ी टक्कर

इसके अलावा अंबानी की नजर एनर्जी सेक्टर में भी है। रिलायंस नवीकरणीय ऊर्जा, भंडारण और हाइड्रोजन में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है, जिसमें कंपनी का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ी ग्रीन एनर्जी डिवाइस'गीगा-कॉम्प्लेक्स' और 100-गीगावाट क्षमता वाली होगी। साथ ही बताया गया कि जामनगर में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स में गीगा कारखानों का विकास तेजी से चल रहा है। बता दें कि गौतम अडानी पहले से ही न्यू एनर्जी सेक्टर में सक्रिय है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों अरबपतियों के बिजनेस में कंपटीशन बढ़ सकता है।

पुराने बिजनेस के स्किल फाइनेंशियल सर्विसेज में अजमाएंगे अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की हालिया वार्षिक रिपोर्ट में अंबानी ने कहा कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (जेएफएस) लिमिटेड, डिजिटल और खुदरा कारोबारों के कौशल का लाभ उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी ''रिलायंस की तकनीकी क्षमताओं का लाभ उठाएगी।'' अंबानी ने कहा कि डिजिटल रूप से वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली इकाई भारतीय नागरिकों की वित्तीय सेवाओं तक पहुंच कायम करेगी। इसके जल्द ही सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। रिलायंस की 28 अगस्त को वार्षिक शेयरधारकों की बैठक में इस पर मार्गदर्शन मिल सकता है। जेएफएस की रिलायंस में 6.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी ने संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए ब्लैकरॉक के साथ पिछले महीने साझेदारी की घोषणा की थी।

कई बड़ी कंपनियां छूट जाएंगी पीछे

नॉन बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) सेगमेंट में जियो फाइनेंशियल सर्विसेज से आगे सिर्फ बजाज की दोनों कंपनियां बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व होंगी। बजाज फाइनेंस अभी 4.6 लाख करोड़ रुपये की बाजार वैल्यू के साथ देश की सबसे बड़ी एनबीएफसी है, जबकि 2.6 लाख करोड़ रुपये के साथ बजाज फिनसर्व दूसरे नंबर पर है। लिस्टिंग के बाद जियो फाइनेंशियल सर्विसेज वैल्यू के मामले में एलटीआई माइंडट्री, टाटा स्टील, कोल इंडिया और बजाज ऑटो जैसी कंपनियों से आगे निकल जाएगी।

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