G20 Summit: भारत नहीं आएंगे लेकिन चीन जाएंगे पुतिन, ICC के वारंट के बाद पहली बार करेंगे विदेश यात्रा
G20 Summit in Delhi: उम्मीद थी कि वे इस जी-20 समिट के लिए भारत की यात्रा कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली। अब खबर है कि व्लादिमीर पुतिन भारत के बजाए चीन की यात्रा करेंगे। वह अक्टूबर में बीजिंग जा सकते हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
G20 Summit: देश की राजधानी दिल्ली में होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। 9 व 10 सितंबर को इस महासम्मेलन का आयोजन होना है। इस सम्मेलन में जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष जुटेंगे, लेकिन सभी की निगाहें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ थीं। उम्मीद थी कि वे इस जी-20 समिट के लिए भारत की यात्रा कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली।
अब खबर है कि व्लादिमीर पुतिन भारत के बजाए चीन की यात्रा करेंगे। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन अक्टूबर में बीजिंग में होने वाले बेल्ट एंड रोड फोरम के लिए चीन का दौरा करेंगे। खास बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की ओर से पुतिन के खिलाफ वारंट जारी किए जाने के बाद यह उनका पहला विदेशी दौरा होगा।
जिनपिंग के बुलावे पर करेंगे चीन का दौरा
क्रेमलिन के विदेश नीति के सलाहकार यूपी उशकोव ने पहले कहा था कि व्लादिमरी पुतिन BRI फोरम के लिए चीन की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। अब ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्रपति पुतिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर चीन की यात्रा करेंगे। क्रेमलिन अक्टूबर में उनकी यात्रा की तैयारी कर रहा है। बता दें, यह खबर पुतिन के जी-20 समिट में प्रतिभाग न करने की पुष्टि के बाद सामने आई है।
पीएम मोदी को किया था फोन
बीते 28 अगस्त को पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच टेलीफोनिक बातचीत हुई थी। इस दौरान उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम का हवाला दिया था। उन्होंने कहा था कि इस समय उनका सारा ध्यान यूक्रेन में जारी सैन्य अभियान पर है। ऐसे में वह सितंबर में भारत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो सकेंगे।
मार्च, 2023 में पुतिन के खिलाफ जारी हुआ था वारंट
बता दें, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों के आरोप में पुतिन के खिलाफ वारंट जारी किया था। इसका रूस ने पुरजोर विरोध किया था। बता दें 123 देशों ने रोम चार्टर ऑफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत ये देश अदालत द्वारा पारित आदेश का पालन करने के लिए बाध्य हैं। इस चार्टर में भारत और चीन शामिल नहीं हैं।
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