Mission Moon: रूस के Luna-25 ने भेजी स्पेस से पहली तस्वीर, कुछ ऐसा दिखा नजारा

इसरो के चंद्रयान-3 के लगभग एक महीने बाद लॉन्च होने के बावजूद, रूसी लैंडर भारतीय मिशन से पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को छू सकता है।

Russia Luna 25

Russia Luna 25

Luna-25 : रूस ने 47 वर्षों में अपना पहला चंद्र लैंडर लूना-25 वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से सोयुज रॉकेट के जरिए लॉन्च किया। इसने तस्वीरें भेजना भी शुरू कर दिया है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने सोमवार को अंतरिक्ष यान द्वारा भेजी गई पहली तस्वीरें जारी की हैं। रूस का आखिरी चंद्रमा मिशन लूना-24 था, जिसे 1976 में लॉन्च किया गया था जब देश सोवियत संघ का हिस्सा था। लूना-24 मिशन ने लगभग 170 ग्राम चांद के नमूने लेकर आया था। लूना-25 ने ये नई तस्वीरें रविवार 13 अगस्त को लीं और अंतरिक्ष एजेंसी ने इन्हें सोमवार को जारी किया।

ये भी पढ़ें- Chandrayaan 3 Mission: चांद से बस अब कुछ ही दूर रह गया है चंद्रयान 3, चौथे ऑर्बिट में हुई सफल एंट्री

तस्वीरें ग्रह से 310,000 किलोमीटर की दूरी पर ली गईं

रोस्कोस्मोस ने बताया, ये तस्वीरें पृथ्वी की पृष्ठभूमि में लूना -25 उपकरण के संरचनात्मक तत्वों को दिखाती हैं, जहां से हम हमेशा के लिए दूर चले गए हैं, और चंद्रमा की पृष्ठभूमि में, जिस पर हम जल्द ही उड़ान भरेंगे। तीसरी तस्वीर में आप मिशन का प्रतीक और ऑनबोर्ड मैनिपुलेटर देख सकते हैं। रोस्कोस्मोस के टेलीग्राम अपडेट के अनुसार, तस्वीरें ग्रह से लगभग 310,000 किलोमीटर की दूरी पर ली गई थीं।

चंद्रयान से पहले चंद्रमा पर पहुंचने के आसार

इसरो के चंद्रयान-3 के लगभग एक महीने बाद लॉन्च होने के बावजूद, रूसी लैंडर भारतीय मिशन से पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को छू सकता है। लूना-25 संभवतः 16 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा और 21 या 22 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा। चंद्रयान-3, 23 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग करेगा। रूसी मिशन चंद्रमा की ओर अधिक सीधा प्रक्षेप पथ ले रहा है क्योंकि इसमें हल्का पेलोड है और इसमें ईंधन भंडारण अधिक है। चंद्रयान-3 मिशन की तुलना में लूना-25 का भार केवल 1,750 किलोग्राम है।

चंद्रयान -3 ने लिया घुमावदार मार्ग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अधिक घुमावदार मार्ग लेते हुए चंद्रयान -3 मिशन पर कम ईंधन भंडारण के साथ काम कर रहा है जो पृथ्वी और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण का लाभ उठाएगा। पृथ्वी से लॉन्च होने के बाद इसने मैनूवर की एक श्रृंखला पूरी की जो इसे चंद्र कक्षा में स्थापित करने से पहले पृथ्वी की ऊंची कक्षाओं में ले गई। वहां से यह अब विपरीत-मैनूवर कर रहा है जिससे इसकी कक्षा कम होती जाएगी जब तक कि यह 100 किलोमीटर की चंद्र कक्षा तक नहीं पहुंच जाता।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दुनिया (world News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited