Aero India 2023: एयरो इंडिया को लेकर पाकिस्तान में मची है हलचल, जानिए क्या कह रहा यहां का मीडिया
आर्थिक तंगी से बेहाल पाकिस्तान को आईएमएफ की शर्तों के तहत अपना रक्षा बजट कम करना है। वहीं, एयरो इंडिया शो के माध्यम से भारत अपनी ताकत दुनिया को दिखा रहा है।
बेंगलुरू में एयरो इंडिया 2023
बेंगुलुरु के येलाहांका एयरफोर्स स्टेशन पर हो रहे एयरो इंडिया 2023 पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। इस शो की खासियत यह है कि इसमें 98 देश और 100 से ज्यादा विदेशी डिफेंस कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। इसके अलावा 32 देशों के रक्षा मंत्री और 29 देशों के वायु सेना प्रमुख भी इसमें शिरकत कर रहे हैं।
पाकिस्तान में मची है हलचल
एयरो इंडिया के 14वें एडिशन को लेकर पाकिस्तान में भी हलचल मची हुई है। पाकिस्तानी मीडिया ने इसकी प्रमुखता से जानकारी दी है और बताया है कि भारत किस तरह अपनी डिफेंस प्रणाली को लेकर आगे बढ़ रहा है। दरअसल, एयरो इंडिया शो पाकिस्तान के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। एक और जहां पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट में फंसा हुआ है और जनता महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही है, वहीं भारत बड़ी शान से अपनी रक्षा क्षमता का प्रदर्शन दुनिया के सामने कर रहा है।
आर्थिक तंगी से बेहाल पाकिस्तान को आईएमएफ की शर्तों के तहत अपना रक्षा बजट कम करना है। वहीं, एयरो इंडिया शो के माध्यम से भारत की अपनी सैन्य निर्यात में बढ़ोतरी कर अमेरिका, रूस और चीन जैसे सैन्य महाशक्तियों को टक्कर दे रहा है। भारत की यही महत्वाकांक्षा पाकिस्तान की चिंता का सबब बना हुआ है।
क्या है पाकिस्तानी मीडिया का रुख?
पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी बेवसाइट 'द डॉन' ने एयरो इंडिया शो को लेकर लिखा है, भारत का लक्ष्य रक्षा निर्यात को 5 अरब डॉलर तक तिगुना करने, लड़ाकू जेट और हेलिकॉप्टर बेचना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयर शो के माध्यम से अगले दो साल में रक्षा निर्यात को तिगुना बढ़ाकर 5 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस एयर शो में कई बड़ी हथियार कंपनियां आती हैं।
डॉन ने लिखा, भारत दो साल के अंतराल पर होने वाले एयरो इंडिया शो में 750 अरब रुपये के रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर करना चाहता है। भारत दशकों से रक्षा उपकरण दूसरे देशों से आयात करता रहा है लेकिन अब वह वैश्विक बाजार में निर्यात बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
एक अन्य पाकिस्तानी बेवसाइट जियो न्यूज ने लिखा, एयरो इंडिया शो में हावी होने के लिए तैयार मोदी की मिलिट्री। वेबसाइट ने लिखा, भारत अरबों डॉलर के सैन्य विमानों की तलाश कर रहा है। जेटलाइनर सौदों को पूरा करने के लिए भारत इस सप्ताह एक प्रमुख एयर शो में वैश्विक विमान निर्माताओं को स्थानीय स्तर पर अधिक उत्पादन करने के लिए दबाव डाल रहा है। भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है। लेकिन चीन और पाकिस्तान जैसे परमाणु संपन्न देशों से घिरे होने के कारण सोवियत काल के बेड़े का आधुनिकीकरण कर रहा है।
भारत की सैन्य महत्वाकांक्षाएं....
पाकिस्तानी बेवसाइट 'द ट्रिब्यून एक्सप्रेस' ने लिखा, 'एयरो इंडिया शो में हावी होने के लिए तैयार भारत की सैन्य महत्वाकांक्षाएं।' वेबसाइट ने आगे लिखा, भारत के पास भले ही विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है, लेकिन उसे सोवियत काल के बेड़े को आधुनिक रूप देने की सख्त जरूरत है। इसके अलावा भारत रूस पर पारंपरिक हथियार के आयात की निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहा है। भारत अब हथियारों के लिए अमेरिका, फ्रांस और इजराइल की ओर रुख कर रहा है और इसी बहाने अपने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को भी बढ़ावा दे रहा है।
'द ट्रिब्यून एक्सप्रेस' ने लिखा कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लिए अधिक औद्योगिक आपूर्ति करना चाहता है। इसके अलावा भारत उच्च प्रौद्योगिकी और घरेलू विनिर्माण समझौते से अमेरिका, रूस और चीन जैसे सैन्य महाशक्तियों के साथ मंच साझा करना चाहता है।"
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