भारत के लोगों को मिला डेटा सुरक्षा कानून, अब निजता से खिलवाड़ करने पर लगेगा करोड़ों का जुर्माना

Data Protection Law: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 अगस्त, 2023 को डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को अपनी सहमति दे दी है। इससे भारत को एक खास कानून मिला जो एक नागरिक के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करता है।

Digital Personal Data Protection Bill

रत को एक खास कानून मिला जो एक नागरिक के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करता है।

Data Protection Law: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 अगस्त, 2023 को डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को अपनी सहमति दे दी है। इससे भारत को एक खास कानून मिला जो एक नागरिक के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करता है। लंबे समय से जिस कानून का इंतजार था उसे 7 अगस्त को लोकसभा (Lok Sabha) और 9 अगस्त को राज्यसभा (Rajya Sabha) ने पारित कर दिया। ये कानून खास तौर से नागरिकों की गोपनीयता की रक्षा करता है।

ये कानून यह तय करने में मदद करता है कि लोगों के डेटा का उपयोग निजी या सरकारी संस्थाओं द्वारा कैसे किया जा सकता है। किसी भी डेटा उल्लंघन के लिए इसमें कंपनी पर 250 करोड़ तक का जुर्माना शामिल है। इसके बाद अब सरकार डीपीडीपी कानून (DPDP Law) के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

सरकार उन देशों की पहचान करेगी जहां से डेटा ट्रांसफर मुश्किल

यदि DPDP कानून, अपने वर्तमान स्वरूप में, एक विधायी ढांचा प्रदान करता है, तो नियम बनाने की प्रक्रिया इसके विशिष्ट मापदंडों को परिभाषित करेगी। उदाहरण के लिए, मौजूदा कानून यह निर्धारित करता है कि सरकार उन देशों की पहचान करेगी जहां से डेटा ट्रांसफर नहीं हो सकता है। नियम-बनाने वाली प्रक्रियाएं उन मानदंडों को स्थापित करेंगी जिनके आधार पर किसी देश को इस डेटा ट्रांसफर प्रतिबंध सूची में शामिल करने के लिए नामित किया जा सकता है।

2016 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा निजता के अधिकार को उचित प्रतिबंधों के साथ मौलिक मानने के बाद से समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा एक डेटा संरक्षण कानून की मांग की जा रही है।

2018 में पहली बार पेश हुआ था बिल अब बना कानून

एक व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (Personal Data Protection (PDP) विधेयक 2018 में पेश किया गया था, जिसके बाद इसे एक संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था। पैनल ने दो साल तक बिल का अध्ययन किया और दिसंबर 2021 में अपनी रिपोर्ट और एक संशोधित PDP बिल प्रस्तुत किया। लेकिन 2022 में, सरकार ने अनुपालन-संबंधी कारणों का हवाला देते हुए PDP विधेयक को वापस ले लिया। कुछ महीनों के बाद सरकार डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक लेकर आई। कैबिनेट ने जुलाई में विधेयक को मंजूरी दे दी।

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