IIT की इस ब्रांच ने अपने शोध से बजाई खतरे की घंटी, ग्रामीण क्षेत्रों को लेकर दी ये बड़ी चेतावनी

आईआईटी-खड़गपुर में हाल ही में हुए एक अनुसंधान ने देश को एक बड़े खतरे के प्रति आगाह किया है। आईआईटी की इस ब्रांच ने उपग्रहों की मदद से इसका पता लगाया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

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गांवों को लेकर हुए एक शोध में परेशान करने वाली बात सामने आई है (Pic : iStock)

तस्वीर साभार : भाषा

कोलकाता : देश में बढ़ता प्रदूषण अब शहरी इलाकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी इसका खतरा तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-खड़गपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने उपग्रहों की मदद से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) मापन का उपयोग कर ग्रामीण भारत में बढ़ते वायुमंडलीय प्रदूषण का पता लगाया है। बेशक यह खतरा चेताने वाला है कि हमको पर्यावरण को लेकर और जागरूक होने की जरूरत है।

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि वायु प्रदूषण आम तौर पर केवल शहरी घटनाक्रम नहीं है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी पर्यावरण को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने उपग्रह तस्वीरों की मदद ली और एनओ2 का मापन कर वायु प्रदूषण की सीमा का आकलन करने के लिए ग्रामीण वायु गुणवत्ता का विश्लेषण किया। संस्थान ने बुधवार को एक बयान में कहा कि विश्लेषण भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एनओ2 के बढ़ते स्तर को उजागर करता है।

गांवों में तेजी से बढ़ रहा है वायु प्रदूषण

बयान में कहा गया कि आईआईटी खड़गपुर के समुद्र, नदी, वायुमंडल और भूमि विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर जयनारायणन कुट्टीपुरथ और शोधार्थी मानसी पाठक की एक टीम ने ग्रामीण भारत की वायु गुणवत्ता पर शहरी प्रदूषण के महत्वपूर्ण प्रभाव का विश्लेषण किया।

उनके अध्ययन का शीर्षक है - ग्रामीण भारत में वायु गुणवत्ता रुझान: उपग्रह माप का उपयोग करके एनओ2 प्रदूषण का विश्लेषण।

आईआईटी, खड़गपुर की शोधार्थी और पेपर की प्रमुख लेखिका, मानसी पाठक ने कहा कि हम आमतौर पर सोचते हैं कि वायुमंडलीय प्रदूषण केवल शहरों में मौजूद है या यह सिर्फ एक शहरी खतरा है। ग्रामीण क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता मानकों की अक्सर उपेक्षा की जाती है। हालांकि, हमारा विश्लेषण सुझाव देता है कि अब समय आ गया है कि हम अपना ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों पर केंद्रित करें और ग्रामीण भारत के प्रदूषण स्तर और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों की जांच करें।

पाठक ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अध्ययन में शामिल क्षेत्रों में भारत-गंगा के मैदान, मध्य भारत, उत्तर-पश्चिम भारत, प्रायद्वीपीय भारत, पहाड़ी क्षेत्र और उत्तर-पूर्वी भारत शामिल हैं।

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