Khatu Shyam Mandir के खुले कपाट: कृष्ण को दान में दे दिया शीश, जानिए कलयुग के देवता की अनसुनी कहानी

Khatu Shyam Mandir Rajasthan: खाटू श्याम मंदिर के दरबार आज से भक्तों के दर्शन के लिए खुल गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं खाटू श्याम जी की कहानी। जानें कैसे भीम के पौत्र बर्बरीक को श्री कृष्ण ने दिया बड़ा वरदान।

khatu shyam ji

जानें बर्बरीक कैसे बनें हारे का सहारा खाटुश्याम जी

Khatu Shyam Temple: राजस्थान के सीकर में स्थित बाबा खाटूश्याम जी का मंदिर आज से यानी 6 फरवरी से भक्तों के दर्शन के लिए खुल रहा है। 85 दिन से ये मंदिर बंद था ऐसे में बाबा के भक्त बड़ी बेसब्री से इस मंदिर के खुलने का इंतजार कर रहे थे। शाम 4 बजकर 15 मिनट पर मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। इसके साथ ही लोग आने वाले खाटू मेले की तैयारियों में जुट गए हैं।

खाटू मेला 22 फरवरी से शुरू होगा और होली तक चलेगा। लोगों को बाबा के सुलभ और सुगम दर्शन कराने के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं। जिसके लिए मंदिर परिसर और बाहरी इलाके में कुछ बदलाव किए गए हैं। जानकारी अनुसार मंदिर में कतारों की संख्या बढ़ा दी गई है। बाबा के भक्त 16 लाइनों में खड़े होकर बाबा के आसानी से दर्शन कर पायेंगे।

खाटू श्यामजी जी की कहानी: बाबा खाटू श्याम जी का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। ये पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे। ऐसी मान्यता है कि खाटू श्याम जी की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण जी ने इन्हें कलयुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था। एक कथा के अनुसार जब पांडव अपनी जान बचाते हुए इधर उधर भटक रहे थे तब भीम की मुलाकात हिडिम्बा से हुई थी।

हिडिम्बा और भीम का एक पुत्र हुआ जिसका नाम था घटोखा। घटोखा से बर्बरीक पुत्र हुआ। जब कौरवों और पांडवों में युद्ध हुआ तो बर्बरीक ने युद्ध का निर्णय लिया था। भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक से पूछा कि वो किनकी तरफ है। तो उन्होंने जवाब दिया कि जो पक्ष हारेगा वो उसकी ओर लड़ेंगे।

क्योंकि भगवान कृष्ण युद्ध का परिणाम जानते थे ऐसे में उन्हें डर था कि कहीं पांडवों पर युद्ध उल्टा न पड़ जाए। ऐसे में श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को रोकने के लिए दान मांग लिया। दान में श्री कृष्ण ने उनसें उनका शीश मांगा। बर्बरीक ने भी अपना शीश तुरंत दान दे दिया। भगवान श्रीकृष्ण उनके बलिदान से प्रसन्न हुए और बर्बरीक को कलियुग में श्याम के नाम से पूजे जाने का वरदान दिया।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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