Anant Chaturdashi Aarti: अनंत चतुर्दशी पर जरूर करें भगवान विष्णु की आरती, यहां देखें पूरे लिरिक्स

Anant Chaturdashi Aarti In Hindi: अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान अनंत की आरती जरूर करें। यहां देखें अनंत चतुर्दशी की आरती के लिरिक्स (Vishnu Aarti)।

vishnu ji ki aarti

Anant Chaturdashi Ki Aarti, Vishnu Ji Ki Aarti

Anant Chaturdashi Aarti In Hindi: इस साल अनंत चतुर्दशी का त्योहार 28 सितंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन कई लोग गणेश विसर्जन भी करते हैं। हिंदुओं के लिए इस चतुर्दशी तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के अनंत रूप की उपासना की जाती है। इस खास मौके पर भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए उनकी आरती जरूर करें (Vishnu Ji Ki Aarti)। यहां देखें अनंत चतुर्दशी आरती के लिरिक्स।

Anant Chaturdashi Vrat Katha In Hindi

अनंत चतुर्दशी की आरती से पहले बोलें ये मंत्र (Anant Chaturdashi Mantra)

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्,

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ।

अंनत चतुर्दशी आरती (Anant Chaturadashi Aarti, Vishnu Ji Ki Aarti)

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।

स्वामी दुःख विनसे मन का।

सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥

ॐ जय जगदीश हरे।

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।

स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।

स्वामी तुम अन्तर्यामी।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।

स्वामी तुम पालन-कर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

स्वामी सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥

ॐ जय जगदीश हरे।

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

स्वामी तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा।

स्वमी पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, सन्तन की सेवा॥

ॐ जय जगदीश हरे।

श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।

स्वामी जो कोई नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

विष्णु भगवान की आरती करते हुए इन चीजों का रखें ध्यान

आरती शुरू करने से पहले 3 बार शंख बजायें। आरती के समय ताली, घंटी, मंझीरे आदि बजाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आरती के शब्दों का उच्चारण शुद्ध और सही हो। आरती से पहले घी की बत्ती जला लें। संभव हो तो विष्णु भगवान की आरती कपूर से करें।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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