Hindi Diwas Par Kavita: हिंदी दिवस पर कविता हिंदी में देखें यहां, ये शब्दमाला देख राष्ट्रभाषा से हो जाएगा प्यार

Hindi Diwas Par Kavita Hindi Mein (हिंदी पर छोटी सी कविता): हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा की खूबसूरती जरूर जाननी चाहिए। इसका सबसे अच्छा तरीका है कि हिंदी की कविताओं का पाठ किया जाए और इनके बारे में जाना जाए। यहां देखें हिंदी दिवस की कविता हिंदी में जो हमारी राष्ट्रभाषा का मान बढ़ाती हैं।

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हिंदी दिवस पर कविता हिंदी में

Hindi Diwas Par Kavita Hindi Mein (हिंदी पर छोटी सी कविता): आज देशभर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। ये दिन हमारी राष्ट्रभाषा के मान और इसकी शान का है। हिंदी दिवस पर हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसी के साथ ही कविता पाठ भी होता है। कई कवियों ने हमारी प्यारी हिंदी के मान में खूबसूरत कविताएं लिखी हैं। यहां आप ये कविताएं देख सकते हैं।

हिंदी दिवस पर कविता हिंदी में

1. संजय जोशी 'सजग' की कविता

हम सबकी प्यारी, लगती सबसे न्यारी।

कश्मीर से कन्याकुमारी, राष्ट्रभाषा हमारी।

साहित्य की फुलवारी,

सरल-सुबोध पर है भारी।

अंग्रेजी से जंग जारी,

सम्मान की है अधिकारी।

जन-जन की हो दुलारी,

हिन्दी ही पहचान हमारी।

2. डॉ. जगदीश व्योम की कविता भाल का शृंगार

मां भारती के भाल का शृंगार है हिंदी

हिंदोस्तां के बाग की बहार है हिंदी

घुट्टी के साथ घोल के मां ने पिलाई थी

स्वर फूट पड़ रहा, वही मल्हार है हिंदी

तुलसी, कबीर, सूर औ’ रसखान के लिए

ब्रह्मा के कमंडल से बही धार है हिंदी

सिद्धांतों की बात से न होयगा भला

अपनाएंगे न रोज के व्यवहार में हिंदी

कश्ती फंसेगी जब कभी तूफानी भंवर में

उस दिन करेगी पार, वो पतवार है हिंदी

माना कि रख दिया है संविधान में मगर

पन्नों के बीच आज तार-तार है हिंदी

सुन कर के तेरी आह ‘व्योम’ थरथरा रहा

वक्त आने पर बन जाएगी तलवार ये हिंदी

3 राम प्रसाद बिस्मिल की कविता

लगा रहे प्रेम हिन्दी में, पढूं हिन्दी लिखूं हिन्दी

चलन हिन्दी चलू, हिन्दी पहरना, ओढना खाना।

भवन में रोशनी मेरे रहे हिन्दी चिरागों की

स्वदेशी ही रहे बाजा, बजाना, राग का गाना।

4 अटल बिहारी वाजपेयी की कविता हिंदी दिवस पर

गूंजी हिन्दी विश्व में

गूंजी हिन्दी विश्व में,

स्वप्न हुआ साकार;

राष्ट्र संघ के मंच से,

हिन्दी का जयकार;

हिन्दी का जयकार,

हिन्दी हिन्दी में बोला;

देख स्वभाषा-प्रेम,

विश्व अचरज से डोला;

कह कैदी कविराय,

मेम की माया टूटी;

भारत माता धन्य,

स्नेह की सरिता फूटी!

5 मैथिली शरण गुप्त की कविता हिंदी दिवस पर

करो अपनी भाषा पर प्यार ।

जिसके बिना मूक रहते तुम, रुकते सब व्यवहार ।।

जिसमें पुत्र पिता कहता है, पतनी प्राणाधार,

और प्रकट करते हो जिसमें तुम निज निखिल विचार ।

बढ़ायो बस उसका विस्तार ।

करो अपनी भाषा पर प्यार ।।

भाषा विना व्यर्थ ही जाता ईश्वरीय भी ज्ञान,

सब दानों से बहुत बड़ा है ईश्वर का यह दान ।

असंख्यक हैं इसके उपकार ।

करो अपनी भाषा पर प्यार ।।

यही पूर्वजों का देती है तुमको ज्ञान-प्रसाद,

और तुमहारा भी भविष्य को देगी शुभ संवाद ।

बनाओ इसे गले का हार ।

करो अपनी भाषा पर प्यार ।।

6 हिंदी दिवस पर छोटी कविता

राष्ट्रभाषा की व्यथा। दु:खभरी इसकी गाथा।।

क्षेत्रीयता से ग्रस्त है। राजनीति से त्रस्त है।।

हिन्दी का होता अपमान। घटता है भारत का मान।।

हिन्दी दिवस पर्व है। इस पर हमें गर्व है।।

सम्मानित हो राष्ट्रभाषा। सबकी यही अभिलाषा।।

सदा मने हिन्दी दिवस। शपथ लें मने पूरे बरस।।

स्वार्थ को छोड़ना होगा। हिन्दी से नाता जोड़ना होगा।।

हिन्दी का करे कोई अपमान। कड़ी सजा का हो प्रावधान।।

हम सबकी यह पुकार। सजग हो हिन्दी के लिए सरकार।।

Information about Hindi Diwas in Hindi

14 सितम्बर 1949 के दिन हिंदी भाषा को केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा बनाने का फैसला लिया गया था। देश के प्रत्येक क्षेत्र में हिंदी के प्रसार के लिए साल1953 में 14 सितंबर को हिन्दी-दिवस के रूप में घोषित किया गया। इससे पहले गांधी जी ने हिंदी को जन मानस की भाषा मानते हुए 1918 के हिंदी सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राजभाषा बनाने को कहा था। विश्व में हिंदी तीसरी बड़ी भाषा है।

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    TNN लाइफस्टाइल डेस्क author

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