क्या आप ने भी ले रखा है लोन ! नोएडा और नवादा के इन परिवारों से लें सबक,लापरवाही पड़ेगी भारी

Suicide Cases In India Due To Loan: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार पिछले 3 साल में लोन और बैंकरप्सी के कारण 17 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यही नहीं लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने के लिए बहुत सारे फर्जी लोन ऐप आ गए हैं। जिसका बड़ी संख्या में लोग शिकार हो रहे हैं।

Suicide Case In India

प्रतीकात्मक तस्वीर: लोन के मकड़जाल में फंस रहे हैं लोग

मुख्य बातें
  • लोन के मकड़जाल में फंसने से आत्महत्या के लिए मजबूर
  • गृह मंत्रालय भी राज्यों को फर्जी लोन ऐप के बारे में कर चुका है सतर्क
  • मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना के कारण लोग आत्यहत्या को मजबूर

Suicide Cases In India Due To Loan: पिछले दो दिनों में नोएडा और बिहार के नवादा जिले की दो घटनाएं, पूरे देश के लिए सबक हैं। पहले बात नवादा जिले के परिवार की, जहां पर एक पूरे परिवार ने बीते बुधवार को एक मजार पर जाकर जहर खा लिया है। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। दूसरी घटना नोएडा में उसके अगले दिन हुई। जहां पर एक वरिष्ठ नागरिक ने पहले अपनी पत्नी को मार डाला और उसके बाद खुद पंखे से लटकर कर अपनी जान दे दी। वैसे दोनों शहरों के बीच 1100 किलोमीट की दूरी है। लेकिन 2 बातें दोनों परिवारों के मौत में कॉमन हैं। पहली बात की दोनों परिवारों के लोगों ने आत्महत्या की है, और दूसरी बात यह कि आत्महत्या का कारण लोन है। क्योंकि वह लोन चुका नहीं पा रहे थे और लोन देने वाले उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। ऐसे में जान से ज्यादा मौत को गले लगाना उन्हें ज्यादा आसान लगा।

लोन ने आत्महत्या करने पर किया मजबूर

नवादा केस के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, परिवार के मुखिया पर करीब 10-12 लाख का लोन था। और वह फल का कारोबार करते थे। और इसी के लिए कुछ लोगों से लोन ले रखा था। और वह लोग पैसे लौटाने का दबाव बना रहे थे और उन्हें धमकी दे रहे थे। साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों को भी प्रताड़ित कर रहे थे। इससे तंग आकर पूरे परिवार ने मिलकर यह भयावह कदम उठाया।

नोएडा के बुजुर्ग दंपत्ति की भी कहानी, कुछ ऐसी ही है। पुलिस के अनुसार, सुसाइड नोट में बुजुर्ग व्यक्ति ने लिखा है कि उन्होंने बिजनेस के लिए से लोन ले रखा था। और उनका बिजनेस घाटे से उबर नहीं पा रहा था। ऐसे में बिजनेस पार्टनर की वजह से वह आत्महत्या कर रहे हैं।

दोनों वारदातों से यह साफ है कि लोन के कारण न केवल लोन लेने वाले व्यक्ति ने अपनी जान दे दी, बल्कि अपने परिवार के लोगों की भी जान ले ली। इसके अलावा लोन नहीं चुका पाने वाली शर्मिदिंगी और कर्ज देने वाले लोगों की प्रताड़ना को नहीं झेल पाए। साथ ही उनके लोन किसी परिचित के जरिए लिए गए। जो चुकाने में वह फेल रहे।

3 साल में 17 हजार से ज्यादा लोगों ने की आत्महत्या

यह स्थिति कितनी भयावह होती रही है, इसे इन आंकड़ों से भी समझा जा सकता है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार 2021 में बैंकरप्सी और लोन नहीं चुका पाने के कारण 3.9 फीसदी यानी 6300 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली। इसी तरह 2020 में 3.4 फीसदी यानी 5200 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली। वहीं 2019 में 4.2 फीसदी यानी 5800 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। यानी पिछले 3 साल में लोन और बैंकरप्सी के कारण 17 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

सालबैंकरप्सी और लोन की वजह से आत्महत्या
2021 6300 से ज्यादा
20205200 से ज्यादा
2019 5800 से ज्यादा
स्रोत: NCRB

फर्जी चाइनीज ऐप से बचे

लोन लेते समय कई बार जरूरतमंद बैंक या फाइनेंस कंपनी से लोन न लेकर सूदखोरों या कुछ परिचितों से लोन लेता है। इसी मजबूरी का फायदा उठाने के लिए, अब धोखेबाज तकनीकी का सहारा ले रहे हैं। इसमें वह फर्जी लोन ऐप के जरिए लोन देते हैं। और फिर लोग उसके शिकार हो जाते है। और कई बार ऊंची ब्याज दर, कर्ज वसूली के तरीकों से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं। और इस काम में कई फर्जी चाइनीज ऐप भी शामिल हैं।

बढ़ते मामले को देखते हुए हाल ही में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा है कि देश भर से बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि डिजिटल तरीके से कर्ज देने वाली गैर कानूनी ऐप का गरीब तबका सीधा निशाना बन रहा है। इसके तहत निम्न आय वर्ग के लोगों को ऊंची ब्याज दरों पर कम अवधि के कर्ज दिए जा रहे हैं। लेकिन उसमें भारी फीस भी छुपी हुई हैं। जिससे इस वर्ग के लोग अनजान है। ये कंपनियां कर्जदारों के संपर्क, स्थान, तस्वीरों और वीडियो जैसे गोपनीय निजी डेटा का इस्तेमाल कर उनका उत्पीड़न करती हैं और उन्हें डराकर ब्लैकमेल भी करती हैं। ऐसे में इन लोगों पर गृहमंत्रालय ने शिकंजा कसने को कहा है।

ऐसे करें फर्जी लोन ऐप की पहचान

  • अगर कोई कंपनी ऐप के जरिए कर्ज देने वाली कंपनी आपसे ज्यादा दस्तावेज नहीं मांगती है। यानी केवाईसी प्रक्रिया बहुत कमजोर है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहए।
  • इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि लोन एग्रीमेंट पेपर पर आरबीआई द्वारा रजिस्टर्ड कंपनी का नाम हो।
  • 30 से भी कम समय का कोई कंपनी कर्ज देने का ऑफर दे रही हैं। साथ ही ऊंची ब्याज दर और बहुत ज्यादा प्रोसेसिंग फीस ले रही हैं।
  • EMI चुकने के लिए डिजिटल पेमेंट का ऑप्शन नहीं मिल रहा है, तो इसका मतलब है कि वह फर्जीवाड़ा कर रहा है।
  • लोन चुकाने में लेट होने पर पेनल्टी आदि का जानकारी, लोन लेते वक्त छुपाई जा रही है।

हमेशा आरबीआई द्वारा मान्यता कंपनी से लें लोन

लोन के लिए बैंक या फाइनेंस कंपनी से हमेशा संपर्क करना चाहिए। थोड़ा जल्दी और ज्यादा लोन मिलने के चक्कर में गैर मान्यता प्राप्त कंपनियों से लोन लें। क्योंकि ऐसा नहीं करने पर न केवल बैंक और फाइनेंस कंपनी की तुलना में आपको दोगुना-तीन गुना ब्याज चुकाना होगा। बल्कि कोई कानूनी सहायता भी नहीं मिल पाएगी। साथ ही कई बार एजेंट की वजह से मानसिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ेगी।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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