खनौरी सीमा पर मारे गए शुभकरण के परिवार को मिलेंगे 1 करोड़ रुपये, बहन को नौकरी, पंजाब सरकार का ऐलान

प्रदर्शनकारी किसान शुभकरण के परिवार को मुआवजा और उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे। इन्होंने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी मांग की है।

kisan protest

मारे गए प्रदर्शनकारी किसान के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा

1 Crore For Shubhkaran Family: खनौरी सीमा पर मारे गए किसान शुभकरण सिंह के परिवार को मुआवजे के तौर पर एक करोड़ रुपये और उसकी बहन को सरकारी नौकरी मिलेगी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह ऐलान किया। पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में बुधवार को झड़प में बठिंडा के शुभकरण सिंह (21) की मौत हो गई थी और 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। यह घटना तब हुई जब प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों ने बैरिकेडिंग की ओर बढ़ने की कोशिश की थी।

पंजाब सरकार देगी एक करोड़ रुपये

सीएम मान ने एक पोस्ट में कहा, खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी। दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि प्रदर्शनकारी शुभकरण के परिवार को मुआवजा और उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने किसान की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी मांग की है।

शुभकरण को शहीद का दर्जा देने की भी मांग

किसान नेताओं ने शुभकरण को शहीद का दर्जा दिए जाने की भी मांग की थी। शुभकरण बठिंडा के बल्लो गांव का निवासी था। शुभकरण का शव पटियाला के राजेन्द्र अस्पताल में रखा गया था लेकिन किसानों के अपनी मांगों पर अड़े रहने के कारण पोस्टमॉर्टम में देरी हुई। मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा था कि वह युवा किसान की मौत से दुखी हैं साथ ही उन्होंने कहा था कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मान ने कहा था, पोस्टमॉर्टम के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। उसकी मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा।

मागों को लेकर किसान संगठनों का दिल्ली मार्च

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों के लिए भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली चलो मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। किसान नेताओं ने शुभकरण की मौत के बाद बुधवार को यह मार्च दो दिन के लिए रोक दिया था। उन्होंने कहा था कि वे शुक्रवार शाम को अपना अगला कार्यक्रम तय करेंगे।

किसानों की क्या-क्या मांगें

पंजाब के किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।

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