मोदी सरकार ने संसद में उड़ाई नियमों की धज्जियां, 20 बिल हुए पेश पर 22 करा दिए पास- अधीर चौधरी का प्रहार

Adhir Ranjan Chowdhury PC's Big Points: चौधरी ने कहा- हिंसाग्रस्त मणिपुर पर पीएम ने कोई आश्वासन नहीं दिया। वह इस सूबे की समस्या पर सिर्फ तीन मिनट बोले थे। वह महज लंबे भाषण का रिकॉर्ड बनाना चाहते थे।

Adhir Ranjan Chowdhury PC

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी बात रखते गुए कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Adhir Ranjan Chowdhury PC's Big Points: हिंसा की आग में झुलसने वाले नॉर्थ ईस्ट के सूबे मणिपुर को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस में वार-पलटवार और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शनिवार (12 अगस्त, 2023) को भी देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सियासी हमले के कुछ ही देर बाद कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी मीडिया के सामने आए और केंद्र, बीजेपी और मोदी की कार्यशैली को लेकर जमकर गरजे। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने मॉनसून सत्र के दौरान संसद में जमकर नियमों की धज्जियां उड़ाईं। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान 20 बिल पेश हुए, पर 22 पारित करा दिए गए।

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शनिवार (12 अगस्त, 2023) दोपहर अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौधरी ने बताया- हमारी ज्यादा मांग नहीं थी। हम सिर्फ मणिपुर पर उनसे बातें सुनना चाहते थे। पर हमारी बात टाली गई, जिसके बाद हम उन्हें संसद में लाने के लिए उपाय ढूंढते रहे। हमारा अंतिम औजार अविश्वास प्रस्ताव था।

चौधरी ने दावा किया कि जब तक इस प्रस्ताव की चर्चा पूरी नहीं हो जाती है, तब तक बिल पारित नहीं किए जा सकते हैं। मौजूदा सरकार ने संसद के परंपरागत रीति-रिवाज की धज्जियां उड़ाते हुए एक के बाद एक बिल पारित कराए। 20 विधेयक पेश हुए और 22 पारित हुए। विपक्ष को किसी विधेयक पर अपनी बात रखने का मौका ही नहीं मिला। ऐसे में हम क्या करें?

बकौल अधीर, "जो नजारा जिंदगी और संसद के इतिहास में न देखा, वह उन्होंने दिखाया। नियम तोड़कर 22 बिल पास कराए गए। देखते-देखते सदन भी खत्म हो गया। यह दुख की बात है कि इतने सारे मेंबर देश के कोने-कोने से आते हैं, पर अपनी बात नहीं रख पाते। फिर सत्र खत्म हो जाता है।"

चौधरी ने आगे यह भी दावा किया कि पीएम मोदी को इंडिया शब्द पसंद नहीं है। आखिरकार आपकी इस नाम से आपत्ति क्यों है...आप कहते हो तब अच्छा लगता है और हम कहते हैं तब बुरा लगता है? साथ ही अपने निलंबन को लेकर हुए सवाल पर कहा- अगर जरूरत पड़ी तब हम लोग सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर भी जाएंगे।

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अभिषेक गुप्ता author

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