भारत के इन राज्यों की आबादी कई देशों से ज्यादा, ब्राजील-जापान-ईरान-पाक भी पीछे छूटे

World Population: भारत की आबादी दुनिया की आबादी का करीब 17 फीसदी है। वहीं WWF और ग्लोबल प्रिंट नेटवर्क की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आबादी को देखते हुए, उसकी धरती पर मौजूद जैविक संसाधनों में 171 फीसदी की कमी है। इसे देखते हुए नई जनसंख्या नीति को लेकर बहस छिड़ गई है।

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अगले साल भारत आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा।

मुख्य बातें
  • अगले साल भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा।
  • उत्तर प्रदेश,बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल की जनसंख्या कई देशों को पार कर चुकी हैं।
  • नवंबर में दुनिया की आबादी 800 करोड़ हो जाएगी।

World Population: देश और दुनिया में इस समय एक बार फिर जनसंख्या को लेकर चर्चा जोरो पर है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने जहां नवंबर के महीने में दुनिया की आबादी 800 करोड़ होने की भविष्यवाणी कर दी है। वहीं भारत में जनसंख्या नीति को लेकर बहस जारी है। ऐसे में सवाल उठता है कि 800 करोड़ की आबादी का क्या पृथ्वी का बोझ उठा पाएगी। और उसी कड़ी में भारत को लेकर भी एक नया आंकड़ा परेशान कर रहा है। असल में साल 2023 में भारत चीन को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। जाहिर है वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर चुनौतियां हैं।

इन राज्यों की आबादी दुनिया के कई देशों से ज्यादा

संयुक्त राष्ट्र संघ की जुलाई 2022 में आई रिपोर्ट World Population Prospects, 2022 के अनुसार भारत 2023 में आबादी के मामले चीन को पछाड़ देगा। यानी अगले साल भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार 2022 में चीन की आबादी जहां 142.6 करोड़ के करीब रहेगी, वहीं भारत की आबादी 141.2 करोड़ के आसपास होगी। भारत की आबादी दुनिया की आबादी का करीब 17 फीसदी है। वहीं WWF और ग्लोबल प्रिंट नेटवर्क की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आबादी को देखते हुए, उसकी धरती पर मौजूद जैविक संसाधनों में 171 फीसदी की कमी है। यानी जब इस कमी को पूरा किया जाएगा तब कहीं जाकर, वह भारत की 141 करोड़ की आबादी के लिए पर्याप्त होंगे।

वहीं अगर राज्यों के आधार पर देखा जाय तो भारत के कई राज्य दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देशों से भी ज्यादा है। मसलन उत्तर प्रदेश की जनसंख्या इस समय अनुमान के अनुसार 23 करोड़ पहुंच चुकी है। इस आधार पर वह दुनिया में पांचवा सबसे अधिक आबादी वाले देश के पायदान पर पहुंच चुका है। इस समय पाकिस्तान की आबादी जहां उसके बराबर है। वहीं ब्राजील, नाइजीरिया, बांग्लादेश, रूस , मैक्सिको जैसे टॉप-10 वाले देश पीछे हो चुके हैं।

भारत के राज्यआबादी (अनुमानित)देशआबादी (अनुमानित)
उत्तर प्रदेश23.15 करोड़पाकिस्तान23.14 करोड़
ब्राजील21.6 करोड़
नाइजीरिया21.0 करोड़
बांग्लादेश 16.8 करोड़
बिहार12.8 करोड़जापान12.55 करोड़
महाराष्ट्र12.4 करोड़फिलीपींस11.33 करोड़
पश्चिम बंगाल10 करोड़विएतनाम 9.94 करोड़
टर्की8.66 करोड़
ईरान8.65 करोड़
स्रोत: world meter, india census (भारत और राज्यों का आबादी अनुमानित है, क्योंकि अभी 2021-22 की जनगणना नहीं हुई है )

इसी तरह बिहार की आबादी जापान, इथोपिया जैसे देशों के बराबर पहुंच चुकी है। वहीं 10 करोड़ से ज्यादा आबादी वाला पश्चिम बंगाल, टर्की, ईरान, जर्मनी जैसे देशों से आबादी के लिहाज से आगे निकल चुका है।

जनसंख्या नीति पर राजनीति

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत के दशहरे के मौके पर कहा था कि साल 2000 में भारत सरकार ने समग्रता से विचार कर एक जनसंख्या नीति का निर्धारण किया था। उसमें एक महत्वपूर्ण लक्ष्य 2.1 के प्रजनन दर (TFR) को प्राप्त करना था। NFHS की रिपोर्ट के अनुसार , समाज की जागरूकता और सकारात्मक सहभागिता तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के कोशिशों के परिणामस्वरूप प्रजनन दर 2.1 से भी कम लगभग 2.0 के प्रजनन दर पर आ गई है । लेकिन जनसंख्या नियंत्रण के साथ साथ पंथ के आधार पर जनसंख्या संतुलन भी महत्व का विषय है, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।

उन्होंने इसे समझाते हुए कहा है कि अगर यह असंतुलन बढ़ता जाता है तो 1947 जैसा भारत का विभाजन,ईस्ट तिमोर, दक्षिणी सूडान और कोसोवा जैसे नए देशों के गठन के रूप में दिखता है।मोहन भागवत के इस बयान पर AIMIM के प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब हिदू और मुसलमान का डीएनए एक ही है तो फिर इसमें असंतुलन की बात कहां से आई।

धर्म/समुदायप्रजनन दर (1992-93)प्रजनन दर (2019-21)
हिंदू3.301.94
मुस्लिम4.412.36
ईसाई2.871.88
सिख2.431.61
अन्य2.772.15
स्रोत:NFHS-5

भारत में जनसंख्या नियंत्रण एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर राजनीति होना लाजिमी है। लेकिन एक हकीकत यह भी है कि अगले साल न केवल हम जनसंख्या के मामले में चीन से आगे निकल जाएंगे। और एक देश के रूप में हम बूढ़े हो रहे हैं। यानी हमारे यहां युवा की आबादी कम हो रही है। और इसका असर क्या होगा यह संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट बताती है। उसके अनुसार 2050 तक भारत की आबादी 166 करोड़ से ज्यादा होगी। जबकि चीन की आबादी घटकर 131 करोड़ के करीब पहुंच जाएगी। साफ है कि भारत पर जनसंख्या का बड़ा बोझ होगा। और संसाधन सीमित होते जाएंगे।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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