हिमाचल में हाहाकार: 'इन मुसीबतों से भली तो मौत है', दर्द बयां कर बोले भूस्खलन के शिकार
Himachal Pradesh Weather Latest Update: घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने वाली पीड़िता सुमन ने बताया, ‘‘हम अपना सामान नहीं बचा सके और केवल वही कपड़े बचे हैं जो हमने घर से बाहर निकलते समय पहने थे।’’
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
Himachal Pradesh Weather Latest Update: बारिश और बाढ़ की तगड़ी मार झेलने वाले पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जल प्रलय थोड़ा सुस्त क्या पड़ा भूस्खलन की घटनाओं ने सूबे में हाहाकार मचाई। स्थानीय लोगों ने इस दौरान ऐसे-ऐसे मंजर देखे, जिन्हें सपने में भी वह नहीं देखना चाहते। लैंडस्लाइड्स का शिकार हुए पीड़ित इन कड़वे अनुभव को कभी न भूलने वाला दु:स्वप्न बता चुके हैं।
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शुक्रवार (25 अगस्त, 2023) को ऐसे ही कुछ पीड़ितों ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से अपनी आपबीती साझा की। प्रोमिला नाम की महिला ने बताया, ‘‘ऐसी मुसीबतों से भली मौत ही होगी क्योंकि जीवन में अब उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही।’’
शिमला में वह उस इमारत में रहती थीं, जो कि 23 अगस्त, 2023 को भूस्खलन का शिकार हुई। बिल्डिंग में उनका एक कमरा ढह जाने के चलते उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया। वह इस इमारत में बीमार मां के साथ रहती थीं। बकौल प्रोमिला, ‘‘मेरे साथ 75 बरस की मां हूं, जिन्हें कैंसर है। 2016 से उनका इलाज चल रहा है। मैं राम नगर के बाजार में एक दुकान में नौकरी करती थी, जहां पिछले सप्ताह मुझे हटा दिया गया क्योंकि मंदी के कारण ग्राहक नहीं थे।’’
10वीं कक्षा तक पढ़ीं प्रोमिला के मुताबिक, ‘‘मैं गुरुवार रात आईजीएमसीएच में सोई क्योंकि मेरे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं थी।’’ प्रोमिला के भाई-बहन या पिता नहीं हैं। वह पति से भी अलग हो चुकी हैं। उन्होंने आगे बताया, ‘‘मैं नौकरी की तलाश में हूं और यहां तक कि मैं साफ-सफाई और झाड़ू-पोछा भी करने को तैयार हूं क्योंकि मुझे अपनी मां के इलाज के लिए पैसे की बहुत जरूरत है।’’
वहीं, घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने वाली पीड़िता सुमन (प्रोमिला के कमरे के बगल में रहने वाली) ने बताया, ‘‘हम अपना सामान नहीं बचा सके और केवल वही कपड़े बचे हैं जो हमने घर से बाहर निकलते समय पहने थे।’’उनके पास बेटे की स्कूल फीस देने के भी पैसे नहीं हैं। उनकी स्थिति दयनीय है लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया क्योंकि इस भूस्खलन में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी। अगर राज्य सरकार आपदा पीड़ितों की मदद नहीं कर सकती तो इतना सारा दान लेने का क्या फायदा। उन्होंने गुरुद्वारे में खाना खाया।
आपको बता दें कि शिमला में पिछले हफ्तों में कई भूस्खलन हुए हैं। पिछले 10 दिनों में शहर में बारिश से संबंधित घटनाओं में मृतकों संख्या बढ़कर 27 हो गई, जबकि सूबे में 24 जून को मॉनसून की शुरुआत के बाद से 24 अगस्त तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 242 लोगों की मौत हो चुकी है।
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