भारत की स्वदेशी मिसाइल ध्रुवास्त्र है तैयार, पाक-चीन सीमा पर जल्द होगी तैनाती
HELINA And Dhruvastra Missile: हेलिना और ध्रुवास्त्र मिसाइलों के सभी परीक्षण सफलता पूर्वक पूरे हो गए हैं। ये मिसाइल अब इंडियन एयरफोर्स और भारतीय सेना के हेलिकॉप्टरों और फाइटर जेट्स में तैनात होने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह एक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (Anti-Tank Guided Missile) है.
ध्रुवास्त्र और हेलिना के सभी परीक्षणों को मंजूरी। (तस्वीर- Twitter)
Dhruvastra Complete Trails: भारत की स्वदेशी नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) ने सभी जरूरी टेस्ट पास कर लिए हैं। अब ध्रुवास्त्र नामक हेलिना हथियार प्रणाली का एक वेरिएंट भी भारतीय वायु सेना में शामिल होने जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ध्रुवास्त्र और हेलिना के सभी परीक्षणों को मंजूरी दे दी गई है। इस मिसाइल की तैनाती चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर की जाएगी।
हेलिना और ध्रुवास्त्र मिसाइलों की टेस्टिंग पूरी
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, स्वदेशी रूप से विकसित हेलीकॉप्टर-लॉन्च एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 'हेलिना' ने सभी टेस्ट पूरे कर लिए हैं। मिसाइल को एक इमेजिंग इंफ्रा-रेड (आईआईआर) सीकर द्वारा गाइड किया जाता है, जो लॉन्च होने से पहले लॉक मोड में काम करता है। यह विश्व की सबसे बेहतरीन एंटी-टैंक हथियारों में से एक है।
चीन-पाकिस्तान सीमा पर होगी इसकी तैनाती
पिछले साल 2022 में भारतीय वायुसेना और इंडियन आर्मी ने 24 घंटे में इसके दो सफल परीक्षण किए थे। उस परीक्षण में मिसाइल को एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) से लॉन्च किया गया था। इस टेस्टिंग के दौरान एक नकली टैंक लक्ष्य को फायर करना और उस पर हमला करना शामिल था। सेना और भारतीय वायुसेना से टेस्टिंग और सत्यापन के बाद अब इसकी तैनाती का इंतजार है। हर पैमाने पर इस मिसाइल की टेस्टिंग हो चुकी है।
डीआरडीओ ने किया है इसे विकसित
नाग मिसाइलों को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है। नाग एटीजीएम सभी जरूरी उड़ान और टेस्टिंग को पूरा करने के बाद भारतीय सेना में भी शामिल होने के लिए तैयार है। एक अधिकारी ने कहा, 'हम (डीआरडीओ) अब भारतीय सेना के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।' डीआरडीओ का कहना है कि तीसरी पीढ़ी की नाग मिसाइल (एटीजीएम) दागो और भूल जाओ। डीआरडीओ के मुताबिक, नाग की ऑपरेशनल रेंज 4 किमी तक है और यह टेंडेम हाई-एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (HEAT) वॉरहेड से लैस है।
हेलिना-ध्रुवास्त्र मिसाइल की खासियत
ध्रुवास्त्र मिसाइल दुश्मनों के लिए काल है। इस मिसाइल की रफ्तार 828 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसके हमले से दुश्मन के टैंक को बचने का मौका नहीं मिलता है। इस मिसाइल की रेंज 500 मीटर से 20 किलोमीटर तक है। ध्रुवास्त्र मिसाइल की एक और खास बात ये है कि दुश्मन टैंक पर हर मौसम में हमला करने में सक्षम है। इसकी लंबाई 6.1 फीट, व्यास 7.9 इंच और इसका वजन 44 किलोग्राम है, जिसमें 8 किलो विस्फोटक लगाया जा सकता है।
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