Chandrayaan-3: लैंडिंग से ठीक पहले पूर्व इसरो चीफ के. सिवन का बड़ा बयान, जानिए क्या बोले

K Sivan On Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की सफल लैंडिग के लिए पूरा भारत दुआ कर रहा है। इस बीच ISRO के पूर्व निदेशक के. सिवन ने कहा है कि चंद्रयान 2 से हमने जो सबक सीखा है, उसके आधार पर सिस्टम अधिक मजबूती से आगे बढ़ रहा है। साल 2019 में मिशन के फेल होने के बाद तत्कालीन वो पीएम मोदी के गले लगकर रोने लगे थे।

K Sivan

लैंडिंग से ठीक पहले क्या बोले पूर्व इसरो चीफ?

Chandrayaan-3 Update: इसरो के पूर्व निदेशक के. सिवन ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग से ठीक पहले बड़ा बयान दिया है। पूर्व इसरो चीफ ने कहा है कि चंद्रयान 2 से हमने जो सबक सीखा है, उसके आधार पर सिस्टम अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। आपको याद दिला दे, मिशन चंद्रयान-2 के क्रैश होने के बाद जब पीएम मोदी बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय पहुंचे थे तो के सिवन उन्हें पकड़कर रोने लगे थे।

लैंडिंग से ठीक पहले क्या बोले पूर्व इसरो चीफ?

ISRO के पूर्व निदेशक के. सिवन ने सोमवार को कहा है कि 'पिछली बार लैंडिंग प्रक्रिया के बाद हमने डेटा देखा था। उसके आधार पर सुधारात्मक उपाय किए गए हैं। इतना ही नहीं, हमने जो सुधार किया था उससे कहीं अधिक हमने किया। जहां भी मार्जिन कम है, हमने उन मार्जिन को बढ़ाया। चंद्रयान 2 से हमने जो सबक सीखा है, उसके आधार पर सिस्टम अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।'

पीएम मोदी के गले लिपटकर रोने लगे थे के. सिवन

साल 2019 में जब भारत का मिशन मून फेल हो गया था, तब पीएम मोदी बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों को उनकी मेहनत के लिए बधाई दी थी। मनमाफिक फल न मिलने पर इसरो के सभी वैज्ञानिक निराश थे। पीएम मोदी जब इसरो मुख्यालय से बाहर निकल रहे थे तब तत्कालीन ISRO चीफ के. सिवन की आंखें नम हो गईं। वो रोने लगे और तुरंत पीएम मोदी ने उन्हें गले लगा लिया। पीएम मोदी ने उनके कान में हौसरा रखने और उम्मीद को खत्म न करने की सलाह दी।

इसरो ने चंद्रमा के सुदूर पार्श्व भाग की तस्वीरें जारी कीं

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ‘लैंडर हजार्ड डिटेक्टशन एंड अवॉइडेंस कैमरा’ (एलएचडीएसी) में कैद की गई चंद्रमा के सुदूर पार्श्व भाग की तस्वीरें सोमवार को जारी कीं। एलएचडीएसी को इसरो के अहमदाबाद स्थित प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र ‘स्पेस ऐप्लीकेशंस सेंटर’ (एसएसी) ने विकसित किया है। यह कैमरा लैंडिंग के लिहाज से सुरक्षित उन क्षेत्र की पहचान करने में मदद करता है, जहां बड़े-बड़े पत्थर या गहरी खाइयां नहीं होती हैं।

अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन के कई लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लैंडर में एलएचडीएसी जैसी कई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां मौजूद हैं। चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और इसका मकसद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की उपलब्धि हासिल करना है। इसरो ने रविवार को कहा कि रोवर के साथ लैंडर मॉड्यूल के 23 अगस्त को शाम तकरीबन छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावना है।

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