PCOS और PCOD में क्या है अंतर? जानें इसके कारण, लक्षण और कैसे महिलाएं रह सकती हैं इससे दूर
PCOD And PCOS: पीसीओडी और पीसीओएस, दोनों ही महिलाओं में हार्मोन के फंक्शन से जुड़ी परेशानियां है इसलिए लोग इसे एक ही समझ लेते हैं। जबकि दोनों में अंतर होता है जिसकी सही जानकारी महिलाओं के पास होनी जरूरी है।
what is the difference between pcod and pcos
PCOD And PCOS: आजकल महिलाओं में पीरियड के अनियमितता की समस्या आम हो गई है। हर दूसरी महिला इररेगुरल पीरियड की परेशानी से जुझ रही हैं। आमतौर पर 18 साल से लेकर 35 तक की महिलाएं इसका ज्यादा शिकार हो रही हैं। अनियमित पीरियड्स पीसीओएस और पीसीओडी दोनों का सामान्य लक्षण होता है। पीसीओएस की तुलना में पीसीओडी महिलाओं में ज्यादा आम हो गया है। अब ये दोनों ही परेशानियां महिलाओं के हार्मोन से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में कई लोग इसे एक ही समझ लेते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। आइये जानते हैं कि पीसीओएस और पीसीओडी के बीच का क्या अंतर है।
पीसीओडी क्या है? (What Is PCOD)पीसीओडी यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर एक ऐसी मेडिकल स्टेट है, जिसमें ओवरी समय से पहले एग्स रिलीज कर देता है, जो सिस्ट में बदल जाते हैं। इसी कारण पीरियड्स भी अनियमित होने लगते हैं। पीसीओडी की स्थिति में महिलाओं की ओवरी का आकार बड़ा हो जाता है। पीसीओडी महिलाओं में एंड्रोजन यानी पुरुष हार्मोन की अधिकता से होने वाली समस्या है। इसके अलावा इसमें वजन तेजी से बढ़ता है और पेट में भी दर्द होने लगता है।
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पीसीओएस क्या है? ( What Is PCOS)पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम भी दूसरी गंभीर बीमारी है। इसमें मेटाबॉलिक और हार्मोनल असंतुलन ज्यादा होता है। जिन लड़कियों या महिलाओं। को लंबे समय तक पीरियड्स नहीं आते उनमें पीसीओएस होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह समस्या मेनोपॉज तक रह सकती है।
PCOD और PCOS के बीच का अंतरएक्सपर्ट्स के मुताबिक पीसीओएस और पीसीओडी दोनों अलग-अलग स्थितियां हैं। इन दोनों के शुरुआती लक्षण और इलाज लगभग एक जैसे होते हैं। शुरुआत में दोनों को लाइफस्टाइल में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। पीसीओएस एक गंभीर बीमारी है, जबकि पीसीओडी एक सामान्य स्थिति है। इसे जीवनशैली में बदलाव करके भी ठीक किया जा सकता है। हेल्दी फूड, योग या व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर पीसीओडी को ठीक किया जा सकता है, जबकि पीसीओएस एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है। इसमें लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ ही दवाइयों का सेवन करना भी जरूरी होता है।
कैसे बचें इस प्रॉब्लम से?आजकल के बढ़ते तनाव, बिजी लाइफस्टाइल की वजह से महिलाओं में कई तरह की समस्याएं जन्म ले रही हैं। इन्हीं में पीसीओडी और पीसीओएस भी शामिल है, लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो पीसीओडी और पीसीओएस दोनों से बचा जा सकता है, जैसे- तनाव न लें, वजन को नियंत्रण में रखें और हेल्दी खाना खाने की आदत डालें। योग या व्यायाम को अपनी लाइफस्टाइल में जरूर शामिल करें। हमेशा खुश रहने की कोशिश करें। इसके साथ ही अगर आपको पीसीओएस या पीसीओडी से जुड़ा कोई लक्षण नजर आता है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। इसके इलाज के लिए तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें।
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